सिमी के आतंकी अबू फैजल को उम्रकैद की सजा, भोपाल की एनआईए कोर्ट ने सुनाया फैसला
भोपाल : भोपाल की केन्द्रीय जेल में बंद प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के आतंकी अबू फैजल को एनआईए (नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी) कोर्ट (NIA court) ने गुरुवार को पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमला करने, उनके हथियार लूटने के आरोप में आजीवन कारावास की सजा (life sentence) सुनाई है। आतंकी अबू फैजल पर जेल प्रहरी की हत्या और दूसरे की हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया गया था। अबु फैजल सिमी और इंडियन मुजाहिद्दीन से जुड़ा हुआ है। वह भोपाल की सेंट्रल जेल में पहले से ही सजा काट रहा है। उसके अन्य साथी 2016 में एनकाउंटर में मारे गए थे।
अभियोजन की ओर से केस की पैरवी कर रहे एनआईए के अधिवक्ता विक्रम सिंह ने बताया कि 2013 में अबू अपने साथी अमजद, शेख मेहबूब, असलम, जाकिर हुसैन और मो. सालिक के साथ खंडवा की टंट्या मामा जिला जेल से फरार हो गया था। इस दौरान उन्होंने चार पुलिस कर्मियों पर जानलेवा हमला कर उनकी रायफल व बाइक लूट ली थी। इस मामले में एनआईए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश रघुवीर प्रसाद पटेल ने अबू फैसल को भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास) 395 (डकैती के लिए) 397 (डकैती या डकैती के लिए घातक हथियार का उपयोग) के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसी मामले में आईपीसी की धारा 332 के तहत दो साल की सजा भी सुनाई गई है। अबू फैसल पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
उन्होंने बताया कि इस मामले में अन्य पांच आरोपित 2016 में एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं। आरोपित अबू अभी भोपाल की सेंट्रल जेल में सजा काट रहा है। इससे पहले आतंकी अबू को एटीएस जवान की हत्या, भोपाल व मंदसौर में बैंक डकैती में भी आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है।
आतंकी अबू उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। वह मुंबई के अंधेरी वेस्ट में रहता था। उसके खिलाफ इंदौर में पहला केस दर्ज हुआ था। 2009 में खंडवा पदस्थ एटीएस जवान सीताराम यादव की हत्या के अलावा दो हत्या के प्रयास, छह डकैती-लूट के अपराध और भोपाल, देवास और मंदसौर में डकैती के केस उस पर दर्ज है। इसके अलावा अहमदाबाद बम ब्लास्ट मामले में भी वह आरोपी है। जिसका ट्रायल अभी कोर्ट में चल रहा है।
गौरतलब है कि आतंकी अबू ने एटीएस आरक्षक सीताराम यादव की 28 नवंबर, 2009 को खंडवा में बकरा ईद पर दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, एटीएस कांस्टेबल को मारने की साजिश फैसल और चार अन्य सिमी कार्यकर्ताओं ने रची थी,अबू फैसल को 27 जून, 2011 को भोपाल में गिरफ्तार किया गया था और 29 दिसंबर, 2011 को खंडवा अदालत में मुकदमा शुरू हुआ था. वह 2013 में सिमी के पांच अन्य कार्यकर्ताओं के साथ खंडवा जेल से भाग गया था, लेकिन दो महीने बाद पकड़ा गया था।