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BIAHR: खबर से बौखलाये बांका डीएम ने जारी किया तालिबानी आदेश

bankadm-14-10-2016-1476444273_storyimageडॉक्टरों से अभद्र व्यवहार करने वाले और बिहार के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने वाले बांका के डीएम के खिलाफ खबर छपी तो नाराज डीएम ने सुनाया तालिबानी फरमान।

दरअसल खबर से नाराज बांका के डीएम डॉ. निलेश देबरे ने ‘हिन्दुस्तान’ संवाददाता सत्यप्रकाश के सरकारी दफ्तरों में प्रवेश पर रोक लगा दी है। हिन्दुस्तान में छपी मिड डे मील में मानक का ध्यान नहीं रखे जाने की खबर पर डीएम ने यह आदेश दिया। इस तालिबानी आदेश के पीछे उनकी मंशा यह है कि उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने वाली खबरें न छपें। जबकि ‘हिन्दुस्तान’ आमजन की खबरों में कोई समझौता नहीं करता।

बिहार के खिलाफ अपमानजनक बोल की खबर से नाराजगी

डीएम के आदेश के पीछे मिड डे मील एक बहाना है। सच तो यह है कि डीएम संवादददाता से उस दिन से नाराज हैं जब संवाददाता ने बिहार के सम्मान और अस्मिता पर प्रहार करने वाले उनके बोल को खबर बनाया था। डीएम ने 30 सितम्बर को जिला सभागार में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों की बैठक बुलाई थी। डाक्टरों ने बैठक के बाद विज्ञप्ति जारी कर यह आरोप लगाया कि जननी, बाल सुरक्षा योजना की समीक्षा के दौरान मातृत्व—शिशु मृत्युदर से चिढ़कर डीएम ने डाक्टरों के साथ अभद्र व्यवहार किया।

यही नहीं उन्होंने बिहारी डॉक्टर कहकर अपमानित किया और लात मारकर बाहर निकाल देने की धमकी दी। डॉक्टरों ने इसकी शिकायत प्रमंडलीय आयुक्त, स्वास्थ्य सचिव, मुख्यसचिव और मुख्यमंत्री तक से की है। जिले के 11 चिकित्सा पदाधिकारियों ने अपने को पदमुक्त करने का अनुरोध वरीय अधिकारियों से किया था। उन्होंने मानवाधिकार आयोग को भी पत्र लिखकर डीएम पर बिहारी अस्मिता पर प्रहार करने का आरोप लगाया। इसे हिन्दुस्तान’ ने प्रमुखता से छापा था।

क्या है आदेश

डीएम ने चार अक्टूबर को सभी सरकारी अफसरों को पत्र लिखकर आदेश दिया कि ‘ हिन्दुस्तान’ संवाददाता सत्यप्रकाश को कार्यालय में प्रवेश न करने दें। उनपर आरोप है कि वे गलत समाचार प्रकाशन की धमकी देकर पैसे की उगाही करते हैं। जैसा कि दिनांक 31 अगस्त 2016 के अखबार में प्रोन्नत मध्य विद्यालय कुत्ताडीह (कमलडीह) में मिड डे मील की भ्रामक खबर इन्होंने प्रकाशित की। जांच में पता चला कि इन्होंने रसोइये से 5 हजार रुपए मांगे,अभद्र व्यवहार किया व रसोई में जबरन प्रवेश किया।

डीएम का पक्ष

इस पूरे प्रकरण पर डीएम ने कहा कि उन्होंने मिड डे मील संबंधी खबर की जिला प्रोग्राम पदाधिकारी से जांच कराई थी। जांच के आधार पर संवाददाता के खिलाफ पत्र लिखा। उन्होंने यह भी कहा कि डाक्टरों को अपमानित नहीं किया है और न ही उस दिन बैठक में ‘बिहारी’ शब्द का उल्लेख किया। सभी 11 चिकित्सा पदाधिकारियों ने उन्हें बाद में लिखकर दिया कि गलतफहमी में उन्होंने कुछ लिखा था जो अब दूर हो गई है।

 
 
 

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