कर्नाटक हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, क्लासों में हिजाब पहनने की छात्राओं की याचिका खारिज
नई दिल्ली: हिजाब मामले में सुनवाई पूरी कर चुकी कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने मंगलवार को अपना फैसला सुनाते हुए कक्षा में हिजाब पहनने की अनुमति मांगने के संबंध में मुसलमान लड़कियों द्वारा दायर याचिकाएं खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा है कि, हमारी राय है कि मुसलमान महिलाओं का हिजाब पहनना इस्लाम धर्म में आवश्यक धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के अनुसार, कोर्ट ने कहा है कि, हिजाब पहनना इस्लाम की अनिवार्य धार्मिक प्रथा नहीं है।
कोर्ट ने कहा कि, 5 फरवरी के सरकारी आदेश को अमान्य करने के लिए कोई केस नहीं बनता है। हिजाब विवाद मामले में फैसला सुनाते हुए कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा है कि, स्कूल यूनिफॉर्म का प्रिस्क्रिप्शन एक उचित प्रतिबंध है, जिस पर छात्र आपत्ति नहीं कर सकता है।
दरअसल उडुपी के एक प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की छात्राओं के एक समूह की कक्षाओं में उन्हें हिजाब पहनने देने की मांग से तब एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया था जब कुछ हिंदू विद्यार्थी भगवा शॉल पहनकर पहुंच गये। यह मुद्दा राज्य के अन्य हिस्सों में फैल गया जबकि सरकार यूनिफॉर्म संबंधी नियम पर अड़ी रही। उडुपी जिले से याचिकाकर्ता लड़कियों की ओर से पेश होने वाले वकीलों के अनुसार हिजाब मामले से जुड़े मामले को मंगलवार के लिए सूचीबद्ध किया गया था।
उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ऋतुराज अवस्थी, न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित एवं न्यायमूर्ति जे एम काजी की पूर्ण पीठ उडुपी की लड़कियों की याचिका पर गठित की गयी है। इन लड़कियों ने अनुरोध किया था कि उन्हें कक्षाओं में स्कूली वर्दी के साथ-साथ हिजाब पहनने की अनुमति दी जाए क्योंकि यह उनकी धार्मिक आस्था का हिस्सा है।