राज्यराष्ट्रीय

अमृतपाल सिंह के संगठन ‘वारिस पंज-आब दे’ को लेकर बड़ा खुलासा

नई दिल्ली ; खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के संगठन ‘वारिस पंज-आब दे’ को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक, अमृतपाल ने इसका गठन सिर्फ इसलिए किया था ताकि वो दीप सिद्धू के भाई की ओर से चलाए जा रहे संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ की लोकप्रियता भुना सके. पंजाब पुलिस को यह जानकारी अमृतपाल के खिलाफ कार्रवाई में जब्त दस्तावेजों से मिली है.

रिपोर्ट के मुताबिक, ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन पर जब अमृतपाल काबिज नहीं हो पाया तो उसके नाम की तरह दूसरा संगठन ‘वारिस पंज-आब दे’ का गठन किया था. दीप सिद्धू के भाई मनदीप ने फतेहगढ़ साहिब में 4 जुलाई 2022 को संगठन बनाया था, जिसका उद्देश्य शिक्षा को बढ़ावा देना प्रदूषण को लेकर जागरूकता फैलाना नशा करने वाले युवाओं को खेलों के प्रति आकर्षित करना था. मनदीप ने कहा कि इसका मकसद अपने दिवंगत भाई के सपने को पूरा करना था.

मनदीप ने बताया कि जब अमृतपाल अगस्त 2022 में विदेश से लौटा तो उसने संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के दस्तावेज मांगे थे लेकिन मनदीप ने उन्हें सौंपने से इनकार कर दिया. सिद्धू परिवार ने अमृतपाल को दीप की विचारधारा के उत्तराधिकारी के रूप में स्वीकार करने से इनकार कर दिया और कहा कि एक्टर ने फरवरी 2022 में अपनी सड़क दुर्घटना से पहले ही अमृतपाल का नंबर ब्लॉक कर दिया था.अमृतपाल ने संगठन पर कर लिया कब्जा इसके तुरंत बाद अचानक से ‘वारिस पंज-आब दे’ नामक एक नया संगठन सामने आया जिसके साथ दीप सिद्धू का आधिकारिक फेसबुक पेज जुड़ा हुआ था. यह संगठन मोगा जिले में रजिस्टर्ड था.

इसका रजिस्ट्रेशन 15 दिसंबरC 2021 को हुआ था. इसके फेसबुक पेज के फॉलोअर्स की संख्या बहुत अधिक हो गई जिससे लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई जिन्होंने मान लिया कि दीप सिद्धू द्वारा बनाए गए संगठन को अमृतपाल ने अपने कब्जे में ले लिया है.अमृतपाल के खिलाफ चल रही कार्रवाई के दौरान सामने आए कुछ दस्तावेजों से पता चलता है कि ‘वारिस पंज-आब दे’ की स्थापना संभावित रूप से पिछले दिनों की थी. मोगा जिले के दुनेके गांव में अमृतपाल के करीबी सहयोगी गुरमीत सिंह बुक्कनवाला के स्वामित्व वाले संगठन का पंजीकृत पता “गुरु नानक फर्नीचर स्टोर” था.

18 मार्च से फरार है अमृतपाल सिंह अमृतपाल के खिलाफ जारी कार्रवाई के बाद बुक्कनवाला को हिरासत में ले लिया गया है और उसके खिलाफ रासुका लगाकर असम की डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल भेज दिया गया है. पूछताछ के दौरान गुरमीत ने दावा किया कि संगठन बहुत बाद में बनाया गया था और मोगा जिले से इसे रजिस्ट्रेशन करने के लिए कुछ संपर्कों का इस्तेमाल किया गया था. हालांकि वह इस मामले में और जानकारी नहीं दे सका. पंजाब पुलिस ने 18 मार्च को अमृतपाल और उसके सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी तबसे ही वह फरार चल रहा है. पंजाब के जालंधर जिले में उसने पुलिस को चकमा दिया और उनके जाल से बच गया.

Related Articles

Back to top button