नई दिल्ली: जम्मू और कश्मीर के उधमपुर में हाल में हुए दो बम विस्फोटों के पीछे पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा आतंकी संगठन का हाथ था। डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया कि पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा आतंकी संगठन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की हाई प्रोफाइल यात्रा से पहले केंद्र शासित प्रदेश में योजना के तहत बम विस्फोट कराए। उनका मकसद ये बताना था कि केंद्र शासित में सब ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि तीन दिनों के भीतर इस केस में आतंकवादी की गिरफ्तारी के साथ मामले का पर्दाफाश किया गया है। गिरफ्तार आतंकी के पास पांच और तात्कालिक विस्फोटक डिवाइस (आईईडी) थे, जिसमें तीन रेडी-टू-यूज स्टिकी बम शामिल थे।
आरोपी ने कबूला- दो बस में रखे थे बम
पुलिस ने कहा कि आरोपी की पहचान मोहम्मद असलम शेख के रूप में हुई है, जिसने कबूल किया है कि उसने अपने पाकिस्तानी हैंडलर मोहम्मद अमीन भट उर्फ खुबैब के निर्देश पर 28 सितंबर को दोपहर करीब 3 बजे उधमपुर के बस स्टैंड रामनगर में दोनों बसों में आईईडी बम ब्लास्ट के लिए रखा था। डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा, निश्चित रूप से, पाकिस्तान और उसकी एजेंसियां यह सुनिश्चित कर रही हैं कि घाटी में किसी भी तरह से शांति बहाल न हो। वो चाहते हैं कि यहां अशांति बनी रहे। अब चीजें बेहतर हो रही हैं और हर गुजरते दिन के साथ सुधार हो रहा है। ये चीजें उन्हें बर्दाश्त नहीं हो रही हैं।
डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि सुरक्षा बलों को केंद्र शासित प्रदेश में लोगों का समर्थन मिल रहा है और क्षेत्र में सुरक्षा परिदृश्य चार साल पहले की तुलना में अब काफी बेहतर है। डीजीपी दिलबाग सिंह बोले, ”इसलिए, वीआईपी यात्रा या ऐसी किसी भी गतिविधि जिससे लगे की घाटी में सबकुछ ठीक और सकारात्मक है, सीमा पार आतंकवादी ये देख नहीं पाते। सीमा पार आतंकवादी और उनके आका यह दिखाने की कोशिश करते हैं कि यहां सब ठीक नहीं है। अभी भी कुछ आतंकवादी बचे हैं और हमारा अभियान जारी है और हम उन्हें जल्द ही पकड़ लेंगे।”