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Budget 2020: सामना में कहा गया की वित्त मंत्री ने लंबा बजट भाषण देकर बनाया रिकॉर्ड लेकिन…’

नई दिल्ली: शिवसेना के मुखपत्र सामना  में शनिवार को लोकसभा में पेश किए गए बजट 2020 (budget 2020) को लेकर निशाना साधा गया है. संपादकीय में लिखा है कि केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार के दिन बजट पेश करते समय 2 घंटे 41 मिनट का रिकॉर्ड तोड़ भाषण भले दिया हो लेकिन ये सब केवल ‘शब्दों का खेल’ ही साबित हुआ.

संपादकीय में कहा गया बजट शब्दों और आंकड़ों का खेल भले ही हो लेकिन उसे सरकार के संकल्प की भी आवश्यकता होती है. अन्यथा ये केवल घोषणा और प्रावधान के आंकड़ों का खतरा मात्र रह जाता है.

संपादकीय में कहा गया, ‘बजट में फंसानेवाली घोषणाएं और खोखले प्रावधान होने के बावजूद वित्तमंत्री ने अपने रिकॉर्ड तोड़ भाषण से लगभग 18 हजार 926 ‘शब्द रत्नों’ को प्रस्तुत किया. सरकार के पास ‘अर्थ’ भले न हो लेकिन ‘शब्द रत्न’ खूब हैं!’

संपादकीय में कहा गया, ‘आयकर के नए चरण चकरानेवाले हैं लेकिन इसके लिए मध्यमवर्गीय करदाताओं के लिए महत्वपूर्ण ‘धारा-80’ को नाखून मारने का खेल सरकार क्यों खेल रही है? इस नई ‘ऐच्छिक’ कर प्रणाली से आम करदाताओं का सिरदर्द और किटकिट बढ़नेवाली है.

संपादकीय में एलआईसी में हिस्सेदारी बेचने को लकर भी सवाल खड़े किए गए है. सामाना मे लिखा है, ‘एयर इंडिया और भारत पेट्रोलियम की बिक्री की घोषणा पहले ही हो चुकी है. अब ‘एलआईसी’ जैसी कंपनी जो कि आम जनता के जीवन-मरण से जुड़ी हुई है, भी बोझ बन चुकी है.’

संपादकीय में कहा गया, ‘सरकार द्वारा निजीकरण इसी प्रकार तेजी से जारी रहा तो सक्षम सरकारी कंपनियों में निजी हिस्सेदारी बढ़ाने के सरकारी साजिशों का आरोप सरकार पर लगेगा. सरकार की आर्थिक स्थिति और कुछ न देनेवाले बजट को देखते हुए मोदी सरकार पर दूसरी बार विश्वास दिखाना बड़ी भूल है क्या, ऐसा सवाल मध्यमवर्गीय, नौकरीपेशा तथा कर्मचारी वर्ग के समक्ष उपस्थित हो चुका है.’

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