Budget 2020: बजट में मध्य वर्ग को राहत देने की तैयारी में सरकार
नई दिल्ली। राहत देने के मामले में मध्यवर्ग आगामी बजट में सरकार के केंद्र में हो सकता है। वित्त मंत्रालय इस वर्ग, खासतौर पर नौकरीपेशा वर्ग के लिए विभिन्न विकल्पों पर चर्चा कर रहा है जिससे इनकी जेब को कुछ भारी किया जा सके। बजट से पूर्व मंत्रालय में हो रही चर्चाओं में ऐसे कई प्रस्तावों पर विचार विमर्श हो रहा है जिससे मध्य वर्ग को बजट में कुछ अतिरिक्त दिया जा सके।
सूत्र बताते हैं कि इस तरह के विमर्श में आयकर में छूट का प्रस्ताव तो है ही लेकिन उसके विकल्प के तौर पर ऐसी किसी स्कीम पर भी मंथन हो रहा है जिससे लोगों को सीधे राहत मिल सके। इसके लिए ऐसी किसी योजना की संभावना भी तलाशी जा रही है जिससे एक निश्चित आयवर्ग के लोगों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए मदद दी जा सके। कुछ अधिकारियों ने पीएम किसान की तर्ज पर इस तरह की स्कीम शुरू करने की सलाह भी दी है।
माना जा रहा है कि आगामी बजट में सरकार का फोकस मध्य वर्ग को राहत देने पर रहेगा। पिछले कुछ बजटों में आर्थिक सुधारों को केंद्र में रखा गया था। अर्थव्यवस्था की रफ्तार बढ़ाने के उद्देश्य से हाल ही में सरकार ने इंडस्ट्री को कॉरपोरेट टैक्स की दर घटाकर 1.45 लाख करोड़ रुपये का तोहफा दिया था। सरकार के इस कदम में माना गया कि यह देश में मांग बढ़ाने से लेकर कंपनियों के विस्तार में मददगार साबित होगा।सूत्र बताते हैं कि इन चर्चाओं में यह बात उभरकर आई है कि बाजार में मांग बढ़ाने के लिए मध्यवर्ग की आमदनी में वृद्धि होना आवश्यक है।
जनता के पास अतिरिक्त राशि खर्च के लिए उपलब्ध होगी तो मांग भी बढ़ेगी। इसलिए आयकर में छूट के विभिन्न विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है। इसका प्रमुख उद्देश्य लोगों के पास अतिरिक्त नकदी की उपलब्धता कराना है। आयकर में छूट की स्थिति न बनने की सूरत में इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए दूसरे विकल्पों पर भी मंथन की प्रक्रिया मंत्रालय में चल रही है।सूत्र बताते हैं कि यह मंथन अभी शुरुआती स्तर पर है। विभिन्न विशेषज्ञों और बजट पूर्व बैठकों में आये सुझावों पर भी अलग अलग समूहों में विचार हो रहा है। बताया जाता है कि जनवरी के पहले सप्ताह के बाद ही यह तय हो पाएगा कि मध्य वर्ग को राहत देने के लिए मोटे तौर पर क्या विकल्प चुने जा सकते हैं। यह तय करने में इस बात की भूमिका भी काफी अहम होगी कि कौन सा विकल्प सरकार के खजाने पर कितना बोझ डालेगा।