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नूंह में खूब गरज रहा बुलडोजर, मिट्टी में मिला दिए होटल समेत 100 मकान; 500 झुग्गियां भी हटाईं

नूंह : नूंह हिंसा में पथराव के लिए इस्तेमाल की गई इमारतों को ध्वस्त करने का सिलसिला रविवार को भी जारी रहा। जिला प्रशासन के तोड़फोड़ दस्ते ने इस दौरान होटल समेत 100 मकानों पर बुलडोजर चलाया। साथ ही 500 रेहड़ियों और झुग्गियों को भी तोड़ दिया। रविवार सुबह सात बजे शुरू हुई तोड़फोड़ की देर शाम तक चली। जिला प्रशासन ने भारी पुलिस बल के साथ इस कार्रवाई को अंजाम दिया। इस दौरान कुछ लोगों ने मौके पर तोड़फोड़ को गलत बताते हुए इसका विरोध किया, लेकिन पुलिसकर्मियों के समझाने पर वह पीछे हट गए।

जिला प्रशासन ने चौथे दिन तोड़फोड़ कार्रवाई को तेज कर दिया। बड़ी कार्रवाई करते हुए दस्ते ने बहुमंजिला होटल और कजारिया टाइल का शोरूम को जमींदोज किया। खास बात यह है कि बहुमंजिला इमारतों को तोड़ने के लिए प्रशासन को बड़ी मशीनों का बंदोबस्त करना पड़ा। कार्रवाई सुबह खेड़ा गांव के पास नल्हड़ मोड़ पर की गई। यहां दुकानों के अलावा एक होटल को तोड़ दिया। आरोप है कि नूंह हिंसा के दौरान इस होटल से शोभायात्रा पर पथराव किया गया था। इसके बाद एक बड़ी कार्रवाई सोहना-अलवर हाईवे पर तिरंगा पार्क के पास बहुमंजिला इमारत में खुले कजारिया टाइल के शोरूम ओर की गई। इसको तोड़ने के लिए दो मशीनों का इस्तेमाल किया गया। कार्रवाई के दौरान शोरूम संचालक या इमारत का मालिक मौके पर नहीं थे।

नूंह में जिला प्रशासन की तोड़फोड़ कार्रवाई का विरोध शुरू हो गया है। जिनके मकान तोड़े जा रहे हैं, उनका आरोप है कि सरकार की तोड़फोड़ कार्रवाई न्यायसंगत नहीं है। लोगों का आरोप है कि सामान निकालने के लिए भी उनको समय नहीं दिया गया। लोगों का दावा है कि जहां उनके मकान बने हुए हैं, वह जमीन उनकी अपनी मलकियत है। स्थानीय निवासी बत्तन, जरीना, आदिब, मुस्तफा आदि ने बताया कि नूंह हिंसा में उनकी कोई संलिप्ता नहीं है, उसके बाद भी उनका मकान तोड़ दिया गया। लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन की तरफ से कोई नोटिस भी उनको नहीं दिया गया। दुकान और घरों में उनका लाखों रुपये का सामान भरा हुआ था, जो अब बर्बाद हो गया है।

शहर से गांव तक जिला प्रशासन का तोड़फोड़ अभियान पहुंच गया है। तालाब या फिर ग्राम पंचायत की जमीन पर हुए कब्जे को हटाया जा रहा है साथ ही बिना नक्शा के बने निर्माण को भी तोड़ा जा रहा है। रविवार को काफी गांवों में इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया। उपायुक्त के आदेश पर ग्राम पंचायत, नगर पालिका, नगर परिषद आदि के अधिकारी सरकार जमीन पर कब्जे वाली इमारतों की पहचान कर रहे हैं।

जिलाधीश धीरेंद्र खड़गटा ने कहा कि सोमवार को कर्फ्यू के दौरान प्रात 10 बजे से दोपहर 300 बजे तक जिले के सभी बैंक और एटीएम खोलने के आदेश दिए गए हैं। जिला के तावड़ू, पुन्हाना, फिरोजपुर झिरका, पिनगवां और शहरी क्षेत्रों में निर्धारित समय अवधि के दौरान बैंक और एटीएम खुले रहेंगे। इस दौरान लोग वित्तीय लेनदेन के लिए सुबह 11 बजे से दोपहर दो बजे तक कर सकेंगे। नूंह में सुबह नौ बजे से दोपहर एक बजे तक कर्फ्यू में ढील रहेगी।

नूंह में फैले उपद्रव की वजह से श्रद्धालुओं की बृजमंडल यात्रा पूरी नहीं हो सकी है। ऐसे में इसे इसी सावन माह में 21 या 27 अगसत को फिर से निकाला जा सकता है। विश्व हिंदू परिषद के प्रदेशाध्यक्ष रमेश गुप्ता ने कहा कि हिंसा के चलते बृजमंडल यात्रा पूरी नहीं हो सकी है। इसलिए इसी सावन महीने में इस यात्रा को पूरा किया जाएगा। हालांकि इस पर निर्णय होना अभी बाकी है। फिर भी प्रयास किया जा रहा है कि इसे जल्द निकाला जाएगा।

नूंह हिंसा में शामिल आरोपियों के मकानों को तोड़ने के साथ-साथ कब्जे के लंबित मामलों को भी निपटा रहा है। इसकी शिकायतें काफी दिनों पहले आ चुकी थी, लेकिन विरोध के चलते जिला प्रशासन यहां से कब्जे नहीं हटा पा रहा था। उपायुक्त के मुताबिक जिला प्रशासन अब तक 37 जगह तोड़फोड़ कर चुका है और सरकारी 57 एकड़ जमीन खाली करवा चुका है।

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