पटना ; पटना एम्स में डॉक्टरों की किल्लत अगले माह तक दूर हो जायेगी. कम संसाधन और अधिक काम के बोझ के कारण पिछले दिनों कई डॉक्टरों ने पटना एम्स को छोड़ने का काम किया है. ऐसे में कई विभागों में डॉक्टर या तो हैं नहीं या रहे नहीं. अब ऐसे में इन विभागों में मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है.
नेफ्रोलाजी एवं न्यूरोलाजी विभाग में डाक्टरों की नियुक्ति नहीं की गयी है. लेकिन, अगस्त तक सभी विभाग में इलाज की सुविधा उपलध हो जायेगी. सभी विभाग में डाक्टरों की नियुक्ति कर ली जायेगी. यह जानकारी एम्स के नवपदस्थापित निदेशक डा. गोपाल कृष्ण पाल ने दी है.
डा. गोपाल कृष्ण पाल ने बताया कि पटना एम्स में आधे से अधिक डाक्टरों के पद खाली हैं. कई ऐसे विभाग हैं, जिसमें मरीजों का इलाज नहीं हो रहा है. लेकिन, अगस्त के पहले सप्ताह तक सभी विभाग में डॉक्टरों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी. अंतिम सप्ताह तक सभी विभागों के ओपीडी भी आरंभ हो जाएगा. नियुक्तियों के बाद ओपीडी व आपरेशन में मरीजों को लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा.
एम्स निदेशक ने बताया कि काफी दिनों से अस्पताल डॉक्टरों को प्रमोशन नहीं दी गई है. इसके लिए शीघ्र ही कमेटी का गठन किया जाएगा. सीनियर रेसीडेंट डाक्टरों की कमी दूर की जाएगी. इसके बाद पारा मेडिकल कर्मियों की भी नियुक्ति की जाएगी. आंतरिक पदोन्नति से पद भरने के बाद खाली पदों पर दोबारा अक्टूबर में पद विज्ञापित किए जाएंगे.
योग कई बीमारियों में तत्काल कारगर है. यह कई बीमारियों में कम दवाओं के लिए प्रोत्साहित करता है. इससे मरीजों की रिकवरी भी तेज होती है. योग के बेहतर परिणामों को देख एम्स में भी एडवांस सेंटर फार योग बनाया जाएगा. जल्द ही रिसर्च को लेकर माहौल बनाया व जाएगा. इसके लिए कमेटियों को टास्क सौंपे जाएंगे. रिसर्च की बदौलत ही एम्स पटना विश्वस्तरीय बन सकेगा.