कार्तिक पूर्णिमा पर आखिर किस उपाय से पूरी होगी आपकी मनोकामना
नई दिल्ली : हिंदू धर्म में कार्तिक मास की पूर्णिमा का बहुत ज्यादा धार्मिक महत्व है. दिवाली के ठीक 15 दिन बाद मनाई जाने वाली इस पूर्णिमा को देव दीपावली के नाम से जानते हैं. ज्योतिष के अनुसार चंद्रमा की जिस पंद्रहवीं कला को पूर्णिमा कहते हैं, वो इस साल कार्तिक माह में 07 नवंबर 2022 को पड़ेगी. मान्यता है कि कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि पर इसके देवता चंद्रदेव, भगवान श्री विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी की विशेष पूजा करने पर साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है और उसे जीवन में कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होती है. आइए कार्तिक पूर्णिमा पर किए जाने वाले व्रत एवं पूजा से जुड़े उपाय के बारे में विस्तार से जानते हैं.
कार्तिक पूर्णिमा पर चंद्र देवता की विशेष पूजा का विधान है. मान्यता है कि यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्रदोष हो और उसके कारण से तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हो तो उसे किसी भी मास की पूर्णिमा की शाम को चंद्रोदय के समय दूध, गंगाजल और अक्षत मिलाकर अर्घ्य देना चाहिए. चंद्रमा को अर्घ्य देते समय साधक को ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः अथवा ॐ सों सोमाय नमः मंत्र का जप करना चाहिए.
जीवन से जुड़ी किसी भी मनोकामना को शीघ्र ही पूरा करने के लिए व्यक्ति को कार्तिक पूर्णिमा के दिन मां गंगा की पूजा से जुड़ा उपाय जरूर करना चाहिए. मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने पर साधक को विशेष पुण्यफल की प्राप्ति होती है.
कार्तिक पूर्णिमा तिथि पर गंगा नदी के किनारे और घर के भीतर और बाहर दीपदान करने को बहुत ज्यादा महत्व है. मान्यता है कि यदि कोई व्यक्ति देव दीपावली की शाम को शुद्ध घी के दीये जलाकर देवी-देवताओं का स्वागत एवं पूजन करता है तो उस पर ईश्वर की पूरी कृपा बरसती है.
कार्तिक पूर्णिमा पर श्री हरि विष्णु और मां लक्ष्मी जी का आशीर्वाद पाने के लिए व्यक्ति को इस दिन लक्ष्मीनारायण को पीले पुष्प, हल्दी और केसर आदि अपर्ति करते हुए विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए.
दांपत्य जीवन को मधुर बनाए रखने के लिए पति-पत्नी को कार्तिक पूर्णिमा की रात को एक साथ मिलकर चंद्र देवता का दर्शन और पूजन करना चाहिए. मान्यता है कि इस दिन दूध में शहद डालकर चंद्र देवता को अर्घ्य देने पर सुखी दांपत्य जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है.