दस्तक-विशेष

गरचे टेलीफोन न बनता तो कैसा आलम होता ?

के. विक्रम राव स्तंभ: सोचिए यदि टेलीफोन न होता तो ? दुनिया दूरियों में खो जाती। पृथकता गहराती। फासले लंबाते।…

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International Relation : धंधे में कोई दोस्ती नहीं!

मशहूर उक्ति है- ‘राजनीति में कोई स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता। केवल स्वार्थ ही स्थायी होता है।’ अंतरराष्ट्रीय संबंधों…

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Jharkhand : जयराम महतो- सियासी खेल का नया टाइगर!

झारखंड की विधानसभा में नंगे पांव आने वाले लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के मुखिया जयराम महतो झारखंड की सियासत में हमेशा…

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Bihar : मखाना कारोबार बदलेगी किसानों की तकदीर!

इस आम बजट में भारत सरकार ने मखाना किसानों के लिए बिहार में मखाना विकास बोर्ड की स्थापना करने की…

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हास्य व्यंग : लठैत कक्का के कुंवारे गाल…

–पंकज प्रसून लम्पटगंज गांव के लठैत कक्का ऐसे शख्स थे जिनके गाल निपट कुंवारे थे। होली के जाने कितने त्योहार…

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एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित हुए मीडिया सितारे

अशोक श्रीवास्तव और शोभना यादव को बेस्ट एंकरिंग अवार्ड नई दिल्ली। मीडिया फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा दिल्ली के प्यारेलाल आडिटोरियम…

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64वीं पुण्यतिथि पर विशेष: संपादकाचार्य श्री के. रामा राव जिनकी कलम ही तलवार थी !

के. विक्रम राव स्तंभ: प्रख्यात संपादक, जानेमाने स्वाधीनता-सेनानी और प्रथम संसद (राज्य सभा) के सदस्य (1952), श्री कोटमराजू रामा राव…

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सरस्वती : एक खोई हुई नदी की कहानी

नदी का बदलना संस्कृतियों को बदल देता है। विहंगम इसी बदलाव को समझने की एक छोटी-सी कोशिश है। गंगापथ पर…

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अरविन्द केजरीवाल का अहंकार आप को ले डूबा

आम आदमी पार्टी का अब क्या होगा? दिल्ली में तीन बार की आम अदमी पार्टी का इस बार पतन हो…

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चुनावी मशीनरी की ओवरहालिंग : जीत का मंत्र

लोकसभा चुनाव के नतीजों से भारतीय जनता पार्टी को बेशक एक सदमा लगा था। 400 पार के जुमले का विपक्ष…

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Delhi : सबको देखा, आ गई रेखा

दस्तक ब्यूरो उस दिन जब शालीमार बाग में रेखा गुप्ता के घर के बाहर ‘सबको देखा, आ गई रेखा’ का…

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एनडीए का बढ़ता साम्राज्य : भगवा होता भारत

पूरे भारत पर भगवा रंग चढ़ने लगा है। दिल्ली जीत के साथ देश के 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों…

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ऐतिहासिक महाकुंभ में बने अनूठे रिकार्ड

गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड में शामिल हुए तीन नए रिकार्ड, सफाईकर्मी हुए सम्मानित संगम की रेती पर महाकुंभ का मेला…

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महाकुंभ ने दिया दुनिया का सबसे बड़ा बाजार

पैंतालिस दिन और हर रोज करोड़ों की भीड़ यानी करोड़ों ग्राहक। महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा बाजार बन गया। प्रयागराज,…

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Worry : भूकंप के रडार पर भारत

इतिहास के सबसे प्रसिद्ध बल्गेरियाई रहस्यवादियों में से एक, बाबा वेंगा ने भविष्यवाणी की है कि 2025 में दुनिया के…

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देवभूमि में सख्त भूू-कानून से भूू-माफिया पर नकेल

सख्त फैसले लेने के लिए मशहूर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भू-कानून में क्रान्तिकारी बदलाव किए हैं। इसके हिसाब से…

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सभ्यताएं संवाद करती हैं, संघर्ष नहीं- प्रो.संजय द्विवेदी

‘सांस्कृतिक कूटनीति को बढ़ावा देने में प्रवासी भारतीयों की भूमिका’ विषय पर संवाद भोपाल। भारतीय जनसंचार संस्थान के पूर्व महानिदेशक…

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मप्र के उच्च शिक्षा मंत्री के साथ अर्चित जैन का पाडकास्ट प्रसारित अंग्रेजों ने नष्ट की भारत की शिक्षा परंपरा: परमार

शिक्षा और भावी भारत पर केंद्रित है संवाद भोपाल। मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार के साथ…

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इक्कीसवीं सदी में शिक्षा ही बदल सकती है युवाओं का भविष्य : हरिवंश

बलिया। राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने कहा है कि इक्कीसवी सदी में युवाओं का भाग्य शिक्षा ही बदल सकती है।…

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Literature : ठाकुरबाड़ी के किस्से

देश के पहले नोबेल पुरस्कार विजेता रबींद्रनाथ टैगोर के दादा द्वारकानाथ टैगोर इतने बड़े ज़मींदार थे कि जब वे लंदन…

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कानून के शिकंजे में बुरे फंस सकते हैं यूट्यूब के ये जोकर

नंदिका मिश्रा रणवीर इलाहाबादिया विवाद ने यूट्यूब के सारे जोकरों की नींद उड़ा दी है। भारत में हास्य कलाकारों को…

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महाकुंभ के नए तमाशेबाज : मोनालिसा

21वीं सदी के महाकुंभ में दो मेले सजे हैं। एक संगम की मीलों तक फैली पवित्र रेती पर और दूसरा…

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7वीं सदी का कुंभ

7वीं शताब्दी में मथुरा और कन्नौज के राजा हर्षवर्धन हर पांचवें साल प्रयाग के माघ मेले में आते और अपना…

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साधो, देखो जग बौराना!

–बृजेश शुक्ल दुनिया के इस सबसे बड़े धार्मिक आयोजन में डिग्रियों और सुंदरता में साधुत्व को खोजा जा रहा है,…

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कैसे बना 144 साल का दुर्लभ योग!

साल 2025 का महाकुंभ इस मायने में अनूठा है कि यह 144 वर्षो के बाद लगा है। इस गणना को…

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अलौकिक और अनूठा मेला महाकुंभ

प्रयाग की धरती पर दुनिया का सबसे पुराना और सबसे बड़ा मेला सजा हुआ है। ठीक वैसा आयोजन जिसकी परिकल्पना…

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यूनिफॉर्म सिविल कोड को ऐसे समझें : अब कोई पर्सनल लॉ नहीं

यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब है कि देश में रहने वाले सभी नागरिकों यानी हर धर्म, जाति, लिंग के लोगों…

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एक राज्य, एक नागरिकता : यूसीसी लागू करने वाला पहला राज्य बना उत्तराखंड

उत्तराखंड ने आखिरकार समान नागरिक संहिता को अपनाकर संविधान के अनुच्छेद 44 के सपने को साकार कर दिया। यह वह…

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