दस्तक-विशेष

एनडीए का बढ़ता साम्राज्य : भगवा होता भारत

पूरे भारत पर भगवा रंग चढ़ने लगा है। दिल्ली जीत के साथ देश के 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों…

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ऐतिहासिक महाकुंभ में बने अनूठे रिकार्ड

गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड में शामिल हुए तीन नए रिकार्ड, सफाईकर्मी हुए सम्मानित संगम की रेती पर महाकुंभ का मेला…

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महाकुंभ ने दिया दुनिया का सबसे बड़ा बाजार

पैंतालिस दिन और हर रोज करोड़ों की भीड़ यानी करोड़ों ग्राहक। महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा बाजार बन गया। प्रयागराज,…

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Worry : भूकंप के रडार पर भारत

इतिहास के सबसे प्रसिद्ध बल्गेरियाई रहस्यवादियों में से एक, बाबा वेंगा ने भविष्यवाणी की है कि 2025 में दुनिया के…

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देवभूमि में सख्त भूू-कानून से भूू-माफिया पर नकेल

सख्त फैसले लेने के लिए मशहूर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भू-कानून में क्रान्तिकारी बदलाव किए हैं। इसके हिसाब से…

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सभ्यताएं संवाद करती हैं, संघर्ष नहीं- प्रो.संजय द्विवेदी

‘सांस्कृतिक कूटनीति को बढ़ावा देने में प्रवासी भारतीयों की भूमिका’ विषय पर संवाद भोपाल। भारतीय जनसंचार संस्थान के पूर्व महानिदेशक…

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मप्र के उच्च शिक्षा मंत्री के साथ अर्चित जैन का पाडकास्ट प्रसारित अंग्रेजों ने नष्ट की भारत की शिक्षा परंपरा: परमार

शिक्षा और भावी भारत पर केंद्रित है संवाद भोपाल। मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार के साथ…

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इक्कीसवीं सदी में शिक्षा ही बदल सकती है युवाओं का भविष्य : हरिवंश

बलिया। राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने कहा है कि इक्कीसवी सदी में युवाओं का भाग्य शिक्षा ही बदल सकती है।…

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Literature : ठाकुरबाड़ी के किस्से

देश के पहले नोबेल पुरस्कार विजेता रबींद्रनाथ टैगोर के दादा द्वारकानाथ टैगोर इतने बड़े ज़मींदार थे कि जब वे लंदन…

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कानून के शिकंजे में बुरे फंस सकते हैं यूट्यूब के ये जोकर

नंदिका मिश्रा रणवीर इलाहाबादिया विवाद ने यूट्यूब के सारे जोकरों की नींद उड़ा दी है। भारत में हास्य कलाकारों को…

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महाकुंभ के नए तमाशेबाज : मोनालिसा

21वीं सदी के महाकुंभ में दो मेले सजे हैं। एक संगम की मीलों तक फैली पवित्र रेती पर और दूसरा…

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7वीं सदी का कुंभ

7वीं शताब्दी में मथुरा और कन्नौज के राजा हर्षवर्धन हर पांचवें साल प्रयाग के माघ मेले में आते और अपना…

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साधो, देखो जग बौराना!

–बृजेश शुक्ल दुनिया के इस सबसे बड़े धार्मिक आयोजन में डिग्रियों और सुंदरता में साधुत्व को खोजा जा रहा है,…

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कैसे बना 144 साल का दुर्लभ योग!

साल 2025 का महाकुंभ इस मायने में अनूठा है कि यह 144 वर्षो के बाद लगा है। इस गणना को…

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अलौकिक और अनूठा मेला महाकुंभ

प्रयाग की धरती पर दुनिया का सबसे पुराना और सबसे बड़ा मेला सजा हुआ है। ठीक वैसा आयोजन जिसकी परिकल्पना…

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यूनिफॉर्म सिविल कोड को ऐसे समझें : अब कोई पर्सनल लॉ नहीं

यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब है कि देश में रहने वाले सभी नागरिकों यानी हर धर्म, जाति, लिंग के लोगों…

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एक राज्य, एक नागरिकता : यूसीसी लागू करने वाला पहला राज्य बना उत्तराखंड

उत्तराखंड ने आखिरकार समान नागरिक संहिता को अपनाकर संविधान के अनुच्छेद 44 के सपने को साकार कर दिया। यह वह…

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निकाय चुनाव : शहरों में दौड़ा भाजपा का ट्रिपल इंजन

गोपाल सिंह पोखरिया वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव, उसके बाद लोकसभा चुनाव और अब उत्तराखंड के निकाय चुनावों में भारतीय…

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Urratakhand : मील का पत्थर साबित होंगे राष्ट्रीय खेल

एशियन गेम्स 1982 ने राजधानी दिल्ली को कुछ ही दिनों में तमाम खेलों के इंटरनेशनल आयोजन के लिए तैयार कर…

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देवभूमि में सजी खेलों की महफिल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 जनवरी की शाम जब देहरादून के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय खेल स्टेडियम में करीब 25 हजार…

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एक AI मशीन का इंटरव्यू

व्हाट्सएप ने अपने चैट बॉक्स में Meta AI अक की की सुविधा दी है। यह एआई मशीन आपकी भाषा में…

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भाषाएं और माताएं अपनी संतानों से सम्मानित होती हैं: प्रो.द्विवेदी

विश्व पुस्तक मेले में बोले आईआईएमसी के पूर्व महानिदेशक भोपाल, 7 फरवरी । भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के पूर्व…

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21वीं सदी में भारत : सिनेमा का बदलता चरित्र

नई सदी का सिनेमा एकदम अलग राह पर है। उसके बहुत सारे शेड्स हैं। इसमें विशुद्ध मनोरंजन भी है और…

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हम ओलंपिक से अब खाली हाथ नहीं लौटते

21वीं सदी की शुरुआत से ही भारत ने खेल के बुनियादी ढांचे के महत्व को पहचानना शुरू कर दिया था।…

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आज का स्त्री विमर्श बंदर के हाथ में उस्तरा

चर्चित स्त्रीवादी लेखिका गीताश्री ने अपने लेख की शुरुआत में आलोचक व लेखक अखिलेश श्रीवास्तव ‘चमन’ का नाम लिए बगैर…

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1950 से लेकर 2024 तक स्त्री-यात्रा

देह की आजादी नहीं स्त्री विमर्श –नासिरा शर्मा गुज़री सदी के अंतिम पांच दशकों ने यह साबित कर दिखाया था…

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बेजान गुड़ियाएं अब बोलने लगी हैं

दुनिया में स्त्री-विमर्श 20वीं शताब्दी की देन है। इस पर बहस फ्रांसीसी लेखिका सिमोन द बोउआर की पुस्तक ‘द सेकंड…

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21वीं सदी में भारत : नाट्य अभिनेताओं पर छा गए निर्देशक

रंगकर्म के बारे में भारतीय दृष्टि कहती है कि दुनिया एक रंगमंच नहीं, बल्कि अभिनेता का रंगकर्म है जो मंच…

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