साहित्य

जानें: शिवलिंग को दोनों हाथों से रगड़ें के लाभ, और शिवलिंग से जुड़ी कुछ खाश बातें

नई दिल्ली : सावन का महीना चल रहा है और देशभर के शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही…

Read More »

जयंती पर याद किये गये मुंशी प्रेमचंद, महात्‍मा गांधी का भाषण सुनकर छोड़ दी थी सरकारी नौकरी

गोरखपुर : उपन्‍यासकार और साहित्‍य के पितामह…जितने भी नाम लें, वे कम ही हैं, उसका कारण भी साफ है, मुंशी…

Read More »

भारत की संस्कृति को सामाजिक संस्कृति कहते हैं : हृदयनारायण दीक्षित

दर्शन और विज्ञान का जन्म जिज्ञासा से हुआ। ऐसी जिज्ञासा ऋग्वेद में है। ऋग्वेद का रचनाकाल प्राचीन यूनानी दर्शन से…

Read More »

देश में करोड़ों वृद्ध परिजनों से पीड़ित : हृदयनारायण दीक्षित

जीवन की सांझ आ रही है। श्रम गीत मद्धिम हो रहे हैं। गहन विश्राम की तैयारी है, लेकिन अपने परिजन…

Read More »

भारतीय दर्शन के मूल स्रोत हैं उपनिषद्

उपनिषद् पूर्वाग्रह मुक्त हैं। इनमें पहले से बने बनाए विचारों का गहन विवेचन है। अंधविश्वासी कर्मकाण्ड का विरोध है। ये…

Read More »

व्यथित है पृथ्वी : हृदयनारायण दीक्षित

पृथ्वी व्यथित है। इसके अंगभूत जल, वायु, वनस्पति और सभी प्राणी आधुनिक जीवनशैली के हमले के शिकार हैं। पृथ्वी असाधारण…

Read More »

अभिशाप बनते जा रहे हैं सोशल मीडिया पर प्रचलित अफवाह

  पिछले कुछ वर्षों से सोशल मीडिया तेजी से पूरे देश में क्रांति की तरह फैल रहा है,सुदूर प्रान्तों में…

Read More »

अपनी सुंदर पत्नी से आहत होकर बैरागी बने राजा भर्तृहरि

प्राचीन उज्जैन में बड़े प्रतापी राजा हुए। राजा भर्तृहरि अपनी तीसरी पत्नी पिंगला पर मोहित थे और वे उस पर…

Read More »

सोने की मूर्ति से निकली दुर्गंध, जैन भिक्षु बन गये कई राजा

राजकुमारी मल्लिनाथ जैनों की उन्नीसवीं तीर्थंकर मानी जाती हैं। सुंदर होने के साथ वह विदुषी भी थीं। उनके सौंदर्य पर…

Read More »

भगवान और भाईसाहब

आशुतोष राणा वे पूरे संसार के लिए आदरणीय होना चाहते थे किंतु ये बेहद मुश्किल काम था, तो भाईसाहब ने…

Read More »

सोशल मीडिया में सत्य, शिव और सुंदर

  अभिव्यक्ति हरेक व्यक्ति की स्वाभाविक अभिलाषा है। हम स्वयं को भिन्न-भिन्न आयामों में प्रकट करते हैं। अपने बाल काढ़ने…

Read More »

मातृभूमि की तरफ़ वापसी का अब प्रश्न ही नहीं उठता

आदरणीया उषा वर्मा जी ब्रिटेन में बसी भारतीय मूल की जानी-मानी साहित्यकार और प्रतिष्ठित भाषा-साहित्य की शिक्षिका हैं। भारत में…

Read More »

शब्द रूठे हैं

शब्द रूठे हैं अर्थ भूखे हैं आत्मा सोई है परमात्मा खोया है मन मटमैला है तन पथरीला है अधर सूखा…

Read More »

ग़ज़ल

अड़े हैं तो मंजिल की जिद में अड़े हैं बहुत छोड़कर ही हम आगे बढ़े हैं। अदब से उठाना ज़रा…

Read More »

इट्स माई लाइफ…

डॉ. पुष्पा सक्सेना हॉलिडे रिसोर्ट के बाहर युवा पीढ़ी कुछ रंग जमाने के मूड में थी। पिछले दो दिनों की…

Read More »

आधुनिक मानव समाज की एक सच्ची विवेचना: ‘जि़स्मगोई’

जयशंकर प्रसाद द्विवेदी डॉ. पुष्पा सिंह विसेन जी द्वारा लिखित “जि़स्मगोई” नारी जागरूकता पर एक ऐसा शोधपरक संग्रह है जिसे…

Read More »

‘भारत पर आर्यों का आक्रमण महाझूठ’

भारतीय समाज हजारों वर्ष पहले से तर्कशील रहा है। दुनिया के अन्य आस्तिक समुदायों में ईश्वर अतक्र्य आस्था है लेकिन…

Read More »

आज भी याद किये जाते हैं कबीर और उनके दोहे

लखनऊ : अब से छह सौ वर्ष पहले पर्यावरण समस्या जैसी कोई बात नहीं थी, लेकिन संत कबीर ने वृक्ष,…

Read More »

मौन-संवाद

– कुमार मंगलम 1. हलचल और शोर से भरी हुई दुनिया में बुलबुल ने चहकना छोड़ दिया एक चुप रच…

Read More »

एक आवाज नन्हें बच्चे की

डॉ. संगीता जैन माँ, कहाँ हो तुम, कहाँ हो तुम? घर में हो या बाहर हो, खुद में हो या…

Read More »

माई महोत्सव

इलाहाबाद में कार्यक्रम का आयोजन भोजपुरी विकास एवं शोध संस्थान, आशि इंटरटेनमेंट प्रा. लि. तथा राष्ट्रीय मासिक पत्रिका भोजपुरी संगम…

Read More »

ज्ञान, योग, ध्यान ही परिपूर्ण विज्ञान

हृदयनारायण दीक्षित प्राचीन भारतीय दर्शन में बुद्धि की भूमिका है और बुद्धि भौतिक है। आत्मा अदृश्य है। उपनिषदों और गीता…

Read More »

शहनाइयां गूंजती हैं

तमन्ना शाहीन अभी कल की ही बात है दस बरस की शहज़ादी कुछ चचानुमा मेहरबानों ने चलती गाड़ी में उसे…

Read More »

नत-मस्तक हूँ अनत के आगे 

अनुराग शर्मा सत्तर के दशक में अभिमन्यु अनत को पढ़ते और उनसे प्रभावित होते समय, उत्तर प्रदेश के एक साधारण…

Read More »

अपमान

डॉ. प्रेरणा आकांक्षा को शाम से ही एक सौ तीन डिग्री बुखार था। उसके पापा जैसे ही घर आए, तो…

Read More »

संतजी के तीन बंदर

आशुतोष राणा तीन बंदर थे, बेहद उत्पाती..उनके तीन अलग-अलग दल थे। एक दल सिर्फ बुरा बोलता था, दूसरा दल सिर्फ…

Read More »

30 मई : आज ही से प्रारम्भ हुआ था उदन्त मार्तंड

30 मई ही वह तारीख थी, जब देश का पहला हिन्दी अखबार ‘उदंत मार्तण्ड’ प्रकाशित हुआ। इसी दिन को हिन्दी…

Read More »

झाड़ू-पोंछा करने वाली महिला बन गई लेखिका, चुनौती भरा संघर्ष

नई दिल्ली : झाड़ू-पोंछा करने वाली महिला ‘आलो आंधारि’ नाम की किताब लिखी। दिल्ली के पास गुड़गांव के एक घर…

Read More »
Back to top button