छत्तीसगढ़ में नेशनल थर्मल पावर कंपनी (एनटीपीसी) कोरबा के पूर्व प्रबंधक जयदीप दास को सीबीआई की विशेष अदालत ने सात साल कैद की सजा सुनाई है. साथ ही एक करोड़ का अर्थदंड भी लगाया गया है.
ये है मामला
मामला सरकारी रकम के फर्जीवाड़े से जुड़ा था. आरोपी जयदीप दास ने एक फ़र्ज़ी कंपनी बनाकर एनटीपीसी के 1 करोड़ 61 लाख 83 हजार 242 रुपए जमा करा दिए. यह कंपनी जयदीप दास की पत्नी और ससुर के नाम की थी. मामला लगभग पंद्रह साल पुराना है. जब जयदीप दास एनटीपीसी कोरबा में वित्त एवं लेखा विभाग में बतौर मैनेजर पदस्थ थे.
सीबीआई कोर्ट का फैसला
इस मामले का खुलासा ऑडिट के दौरान हुआ. एनटीपीसी ने जांच के लिए शिकायत सीबीआई को सौंपी थी. जांच में धोखाधड़ी और सरकारी रकम के हेर-फेर की बात साबित हुई. साल 2002 में सीबीआई ने आरोपी मैनेजर के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया था. इसके बाद जयदीप दास फरार हो गया था. जयदीप दास के अलावा इस मामले में और तीन लोगों को सीबीआई ने आरोपी बनाया था.
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आरोपियों को अदालत ने किया बरी
साल 2011 में आरोपी जयदीप दास ने अदालत में सरेंडर कर दिया था. हालांकि बाद में उसे जमानत मिल गई थी. करीब पंद्रह साल तक चली अदालती कार्यवाही के दौरान एक आरोपी की मौत हो गई थी. जबकि दो के खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं मिलने के कारण, उन्हें अदालत ने बरी कर दिया. उसके खिलाफ 21 गवाहों के बयान हुए . जयदीप दास को अदालत ने सात साल की सजा सुनाते हुए उन पर एक करोड़ का जुर्माना लगाया है. बता दें कि जुर्माना न अदा करने पर जयदीप दास को 6 महीने का अतिरिक्त सश्रम कारावास काटना पड़ेगा.