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CBI ने ओडिशा ट्रेन हादसे में शुरू की जांच, 275 लोगों की हुई मौत

बालासोर : केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने ओडिशा के बालासोर में हुए दर्दनाक ट्रिपल ट्रेन हादसे की जांच शुरू कर दी है. CBI की टीम ने बालासोर में पहुंचकर घटनास्थल का जायजा लिया. वहीं गृह मंत्रालय के अधिकारी भी बालासोर पहुंचे हैं. बालासोर रेल हादसे में 275 लोगों की मौत हुई है. जबकि 1100 लोग जख्मी हुए. इनमें से 900 लोगों को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है. जबकि 200 का अभी इलाज चल रहा है. वहीं, 101 शवों की पहचान भी बाकी है. रेलवे ने रविवार को इस हादसे में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी.

समाचार एजेंसी के मुताबिक, खुर्दा रोड डिवीजन के डीआरएम रिनतेश रे ने सीबीआई जांच शुरू होने की पुष्टि की है. इससे पहले रेलवे सेफ्टी कमिश्नर शैलेश कुमार पाठक ने दुर्घटनास्थल का दौरा किया, उन्होंने बहनागा बाजार रेलवे स्टेशन के कंट्रोल रूम, सिग्नल रूम और सिग्नल प्वाइंट का जायजा लिया. इसके अलावा बालासोर में रेलवे पुलिस ने दुर्घटना को लेकर IPC और रेलवे अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत 3 जून को मामला दर्ज किया है.

कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपने पर सवाल उठाए हैं. हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि शुरुआती जांच में सबूत मिले हैं कि सिस्टम में जानबूझकर छेड़छाड़ की गई, इसके बाद पेशेवर एजेंसी द्वारा जांच का फैसला किया गया. रेलवे अधिकारियों ने पहले भी पटरी में ‘तोड़फोड़’ और ‘इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम’ में छेड़छाड़ की आशंका जताई थी.

शुरुआती जांच के बाद ओडिशा हादसे के पीछे सिग्नल इंटरफेरेंस को हादसे की वजह माना जा रहा है. ऐसे में रेलवे ने सभी जोनल मुख्यालयों को स्टेशन रिले रूम और कंपाउंड हाउसिंग सिग्नलिंग उपकरण की सुरक्षा के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए और एक सुरक्षा अभियान भी शुरू किया है, जिसमें डबल लॉकिंग व्यवस्था शामिल है.

सीबीआई जांच की जरूरत से जुड़े सवाल पर एक रेलवे अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच के दौरान हमें अहसास हुआ कि इस मामले में अधिक गहन जांच की आवश्यकता है. उन्होने कहा कि शुरुआती जांच के दौरान काफी जानकारियां सामने आई हैं. ऐसे में एक पेशेवर जांच एजेंसी की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सिस्टम में जानबूझकर हस्तक्षेप के बिना ये संभव नहीं है कि ट्रेन के लिए निर्धारित मार्ग को मुख्य लाइन से लूप लाइन में बदल दिया जाए.

बालासोर में बहानगा बाजार स्टेशन के पास शुक्रवार को ये हादसा हुआ था. यहां चेन्नई से हावड़ा जा रही 12841 कोरोमंडल एक्सप्रेस लूप लाइन में खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी. इसके बाद कोरोमंडल के कई डिब्बे पटरी से उतर गए थे. ये डिब्बे पास वाली लाइन से गुजर रही यशवंतपुर हावड़ा एक्सप्रेस से टकरा गए थे. इस हादसे में 275 लोगों की मौत हो गई थी. जबकि 1100 लोग जख्मी हुए थे. इस हादसे के बाद इस लाइन पर ट्रेनों की आवाजाही भी ठप्प हो गई थी.

इस ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना के लगभग 51 घंटे बाद क्षतिग्रस्त पटरियों को बहाल कर रविवार देर रात ट्रेन की आवाजाही फिर से शुरू की गई. सबसे पहले रात 10.40 बजे विजाग बंदरगाह से राउरकेला स्टील प्लांट तक कोयले से लदी मालगाड़ी इस रूट से गुजरी. सोमवार सुबह इस रूट पर पहली हाई स्पीड पैसेंजर ट्रेन हावड़ा-पुरी वंदे भारत एक्सप्रेस बालासोर से गुजरी.

खड़गे ने इस दुर्घटनाओं को इतिहास की सबसे खराब दुर्घटनाओं में से एक बताते हुए कहा कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के सुरक्षा को लेकर सभी खोखले दावे अब उजागर हो गए हैं और सरकार को इस गंभीर दुर्घटना के वास्तविक कारणों को प्रकाश में लाना चाहिए.

अपने चार पेज के पत्र में खड़गे ने पीएम मोदी को लिखा, रेलवे की बिगड़ती सुरक्षा को लेकर आम यात्रियों में गंभीर चिंता है. उधर, सीबीआई जांच का विरोध करते हुए कांग्रेस समेत 12 राजनीतिक दलों की ओडिशा इकाइयों ने एक SIT के गठन और निष्पक्ष जांच करने के लिए वैष्णव के इस्तीफे की मांग की.

इन पार्टियों में कांग्रेस के अलावा सीपीआई, सीपीआई (एम), सीपीआई (एमएल) लिबरेशन, सीपीआई (एमएल) रेड स्टार, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक, समाजवादी पार्टी, राजद, एनसीपी, आरपीआई, आप और समता क्रांति दल शामिल हैं. इन दलों ने एक संयुक्त बैठक की और एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें कहा गया कि वे सीबीआई बीजेपी के इशारे पर काम करती है, ऐसे में हम सीबीआई जांच को खारिज करते हैं.

अधिकारियों ने बताया कि रेलवे सेफ्टी कमिश्नर ने सोमवार को कोरोमंडल ट्रेन के घायल ड्राइवर गुणानिधि मोहंती और उनके असिस्टेंट हजारी बेहरा के बयान दर्ज किए, दोनों का एम्स भुवनेश्वर में इलाज चल रहा है. दोनों की स्थिति स्थिर है. मोहंती सोमवार को ICU से बाहर आ गए.

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