चमोली : मुख्य विकास अधिकारी डॉ. ललित नारायण मिश्र ने बुधवार को जल जीवन मिशन के तहत संचालित कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने जल जीवन मिशन के अन्तर्गत द्वितीय चरण में संचालित योजनाओं का कार्य शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देशित किया कि प्रथम चरण के जो कार्य पूर्ण हो चुके है उनका सत्यापन कराते हुए शीघ्र भुगतान किया जाए। गैरसैंण, पोखरी, नारायणबगड एवं थराली ब्लाक में 93 प्रतिशत से कम घरेलू जल संयोजन होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए सीडीओ ने संबंधित अधिकारियों को कारण बताओं नोटिस जारी किया। उन्होंने निर्देशित किया कि जल जीवन मिशन कार्यों की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखते हुए अगली समीक्षा से पूर्व प्रत्येक ब्लाक में कम से कम 97 प्रतिशत एफएचटीसी का कार्य पूर्ण करना सुनिश्चित करें। मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि मनरेगा एवं पंचायत राज से समन्वय स्थापित करते हुए जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने की दिशा में भी ठोस कदम उठाए जाए। हर घर जल ग्रामों का मिशन मूड में शत प्रतिशत सत्यापन किया जाए। इस दौरान सभी डिवीजनों के अन्तर्गत संचालित कार्यों की गहनता से समीक्षा की गई।
जल संस्थान के अधीक्षण अभियंता सुशील कुमार सैनी ने अवगत कराया कि जल जीवन मिशन के अन्तर्गत में 77650 घरेलू जल संयोजन के सापेक्ष अभी तक 72823 घरेलू जल संयोजन किए जा चुके है और 93.78 प्रतिशत एफएचटीसी का कार्य पूरा कर लिया गया है। अवशेष 4827 घरेलू संयोजन का कार्य प्रगति पर है। पेयजल योजनाओं के पुर्नगठन एवं जल स्रोतों के सुधारीकरण योजनाओं के लिए दो करोड़ से कम लागत की 482 स्वीकृत आंगणन में से 481 के टैडर अवार्ड हो चुके है जिसमें से 395 कार्य प्रगति पर तथा 86 कार्य पूर्ण कर लिए गए है। दो से पांच करोड़ तक की योजनाओं में स्वीकृत 10 योजनाओं में से 9 योजनाओं के टैंडर करने के बाद कार्य प्रगति पर है तथा पांच करोड़ से अधिक की एक योजना में भी कार्य प्रगति पर चल रहा है। जेजेएम के अन्तर्गत आवंटित कुल 1410.43 लाख में से 841.85 लाख व्यय हो चुका है। बैठक में जल संस्थान के अधीक्षण अभियंता सुशील कुमार सैनी, अधीक्षण अभियंता वीके जैन, अधिक्षण अभियंता अरुण प्रताप सिंह आदि उपस्थित थे।