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क्रिप्टो करंसी को रेगुलेट करेगी केंद्र सरकार, बैलेंस शीट में उल्लेख करना अनिवार्य

क्रिप्टो करंसी को रेगुलेट करेगी केंद्र सरकार, बैलेंस शीट में उल्लेख करना अनिवार्य

नई दिल्ली : भारत सरकार ने बिटकॉइन जैसी आभासी मुद्रा (क्रिप्टो करंसी) पर सख्ती करने और इसके जरिये होने वाले निवेश तथा कारोबार में पारदर्शिता लाने की तैयारी कर ली है। केंद्र सरकार की कॉरपोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री ने एक आदेश जारी कर सभी कंपनियों को निर्देश दिया है कि अगले वित्त वर्ष की शुरुआत यानी 1 अप्रैल 2021 से वे अपनी बैलेंसशीट में क्रिप्टो करंसी में किये गए सभी लेनदेन और उनकी होल्डिंग की पूरी जानकारी अनिवार्य रूप से दें।

सरकार के इस आदेश के बाद कंपनियों को अपनी बैलेंस शीट में क्रिप्टो करंसी से जुड़ी तमाम जानकारियां देनी होंगी। जानकारों के मुताबिक मंत्रालय का ये आदेश भारत में क्रिप्टो करंसीज को रेगुलेट करने की दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम है। इससे क्रिप्टो करंसी (Crypto currency) के जरिये किए गए निवेश की रिपोर्टिंग और फाइलिंग में पारदर्शिता आएगी। इसके साथ ही सरकार को इस बात की भी जानकारी मिल सकेगी कि किस कंपनी के पास कितनी और कौन सी क्रिप्टोकरंसी है। इतना ही नहीं कंपनियों को बैलेंसशीट में इस बात का भी जिक्र करना आवश्यक हो जाएगा कि उनके द्वारा क्रिप्टो करंसी का लेनदेन कितना और किसके साथ हुआ है।

केंद्र सरकार ने कंपनी एक्ट-2013 के तीसरे शेड्यूल में संशोधन कर इस बात को अनिवार्य कर दिया है कि कंपनियों कोCrypto currency या आभासी मुद्रा से जुड़े सभी लेनदेन, उनकी होल्डिंग और उनके लेनदेन की वजह से होने वाले नफा-नुकसान (प्रॉफिट एंड लॉस) को दिखाना होगा। ये प्रावधान 2021-22 के पहले दिन यानी 1 अप्रैल, 2021 से ही लागू हो जाएंगे।

जानकारों का कहना है कि दरअसल क्रिप्टो करंसी को लेकर दुनिया भर में अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है, इसलिए केंद्र सरकार इन आभासी मुद्राओं को रेगुलेट करने की कोशिश कर रही है। इसके तहत जल्द ही एक कानून भी बनाया जा सकता है। सरकार ये भी जानने की कोशिश कर रही है कि क्रिप्टो करंसी का इस्तेमाल करने वाली कंपनियां इन आभासी मुद्राओं के जरिये किस तरह से और कैसा कारोबार कर रही हैं।

ट्रेड एनालिस्ट विक्रम धीर के मुताबिक देश में करीब एक करोड़ लोगों या कंपनियों ने क्रिप्टो करंसी में निवेश कर रखा है। इसके बावजूद सरकार को इस बात की जानकारी नहीं है कि किस व्यक्ति या कंपनी ने इन मुद्राओं में कितना निवेश किया है या फिर इसके जरिये वे किस तरह का कारोबार कर रहे हैं। अब बैलेंसशीट में क्रिप्टो करंसी से जुड़ी हर जानकारी देने की बाध्यता होने के बाद सरकार के पास इसकी ट्रेडिंग, होल्डिंग और इनवेस्टमेंट से जुड़ी सभी जानकारियां आसनी से पहुंच जाएंगी।

क्रिप्टो करंसी के कारोबार से जड़े लोगों का मानना है कि सरकार के इस कदम से इस सेक्टर में पारदर्शिता बढ़ेगी और माहौल सुधरेगा। भारत में Crypto currency एक्सचेंज बाईयूकॉइन के सीईओ शिवम ठकराल का कहना है कि केंद्र सरकार का यह कदम क्रिप्टो एसेट्स को बढ़ावा देने वाला साबित होगा। उनका कहना है कि क्रिप्टो करंसी के काराबोर से जुड़े लोग लंबे समय से क्रिप्टो करंसी को रेगुलेट करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक या संबंधित मंत्रालय के कदमों का इंतजार कर रहे हैं, ताकि अनिश्चितता का माहौल खत्म हो सके।

ठकराल के मुताबिक भारत में व्यक्तिगत और संस्थागत रूप से Crypto currency के कारोबार में करीब डेढ़ अरब डॉलर का निवेश हो चुका है। इन सभी निवेशकों को सरकार की ओर से रेगुलेशन का इंतजार है, ताकि वे निश्चिंत होकर क्रिप्टो करंसी के फील्ड में कारोबार कर सकें।

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