नई दिल्लीः देश में कोरोना के नए मामले अभी भी तेजी से बढ़ रहे हैं। खासकर देश के 6 राज्य अभी भी चिंता का विषय बने हुए हैं। इनमें केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, मिजोरम, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल शामिल है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा आयोजित प्रेसवार्ता में स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि देश के 20 जिलों में संक्रमण दर अभी भी 5 से 10 प्रतिशत के बीच में है। इसके अलावा मिजोरम के दो जिले में यह दर 10 प्रतिशत से भी ऊपर है। इन राज्यों में कोरोना के बढ़ते मामले चिंता का विषय है।
उन्होंने बताया कि देश में 61 प्रतिशत व्यस्क आबादी को कोरोना से बचाव के लिए लगाए जा रहे टीके की दोनों खुराक दी जा चुकी है। वहीं, 89 प्रतिशत व्यस्क आबादी को कोरोना टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है। 19 राज्य ऐसे हैं जहां कोरोना से बचाव के टीके की पहली डोज देने का प्रतिशत राष्ट्रीय औसत से अधिक है। वहीं 11 राज्यों में टीकाकरण की गति धीमी है जो चिंता का विषय है। उन्होंने बताया कि ओमिक्रोन के खतरे के मद्देनजर राज्यों को निगरानी बढ़ानी होगी। हर मामले के सभी संबंधित मामले को ट्रैक किया जाना चाहिए और इसे फैलने से रोकने के लिए सारे उपाय किए जाने चाहिए।
ओमिक्रोन से निपटने से संबंधित की जा रही तैयारियों की जानकारी देते हुए राजेश भूषण ने बताया कि देश में पहली और दूसरी लहर से सीखते हुए आगे के लिए 18 लाख से ज्यादा आईसोलेशन बेड की व्यवस्था की गई है। इसके साथ एक लाख 39 हजार आईसीयू बेड भी तैयार किए गए हैं। बच्चों के लिए भी अलग से आईसोलेशन बेड तैयार किए गए हैं। उन्होंने बताया कि ओमिक्रोन को लेकर अभी तक के अनुभव के अनुसार किसी भी देश में इसके मरीजों को अतिरिक्त ऑक्सीजन देने की आवश्यकता नहीं पड़ी है। इस बीच केन्द्र सरकार ने 18,800 मिट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन के उत्पादन की क्षमता हासिल कर ली है। कोरोना की पहली लहर में मेडिकल ऑक्सीजन के उत्पादन की क्षमता 1000 मिट्रिक टन प्रति दिन थी।