राजस्थानराज्य

भारतीय खाद्य निगम में घोटालों की चर्चा आते ही मीटिंग छोड़ गए चेयरमैन सुभाष बहेड़िया

जयपुर : भारतीय खाद्य निगम सलाहकार समिति की 3 दिन पहले जयपुर में हुई मीटिंग में अनाज घोटालों का जिक्र आते ही समिति के चेयरमैन और सांसद सुभाष बहेड़िया मीटिंग छोड़कर चले गए। वे इस कदर नाराज हुए कि सदस्यों और खाद्य निगम के अधिकारियों के रोकने पर भी नहीं रुके।

अब खाद्य निगम सलाहकार समिति के सदस्य मनुदेव सिनसिनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय खाद्य निगम की विजिलेंस ब्रांच को पत्र लिखकर अनाज घोटालों की जांच कराए जाने की मांग की है। मीटिंग का हवाला देते हुए पत्र में सलाहकार समिति के सदस्य मनुदेव सिनसिनी ने आरोप लगाया है कि जयपुर में हुई बैठक में सदस्यों ने जनहित के मुद्दे उठाए तो कमेटी चेयरमैन सांसद सुभाष बहेडिया हिटलरशाही वाली रवैया अपनाने लगे। सदस्यों के विरोध करने पर वे आपा खो बैठे और बैठक बीच में छोड़कर चले गए। सांसद के इस रुख से दुखी होकर सदस्य बैठक स्थल पर अनशन पर बैठ गए। जिन्हें बाद में जीएम और अन्य अधिकारियों ने वार्ता कर उठाया।

पत्र में कहा गया है कि सलाहकार समिति के सदस्य हर बैठक में लाभार्थियों तक पहुंचने और अपने गोदामों के निरीक्षण एवं भंडारण चेक करने के प्रस्ताव डालते आए हैं। लेकिन, समिति चेयरमैन सुभाष बहेडिया की हठधर्मिता से सदस्य उत्तर दायित्वों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। जब भी भारतीय खाद्य निगम में सुधार के लिए कोई सुझाव सदस्यों द्वारा दिया जाता है तो चेयरमैन द्वारा उन्हें चुप करवा दिया जाता है। मनुदेव सिनसिनी का कहना है कि उन्होंने भारतीय खाद्य निगम राजस्थान में हो रहे करोड़ों रुपए के घोटालों के मुद्दे उठाए तो चेयरमैन सुभाष बहेडिया असहज हो गए। जबकि इन सभी घोटालों का शिकायती पत्र उन्हें एक माह पहले मिल चुका है। जाने क्यों वो इसे छुपाकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना चाह रहे थे।

सदस्यों ने कहा कि भारतीय खाद्य निगम के विधान के तहत बैठक नियमित रूप से तीन महीने में होनी चाहिए। लेकिन, पिछली बैठक के 6 माह बाद इस बैठक को बुलाया गया। चेयरमैन सुभाष बहेडिया आपा खो बैठे। कहने लगे आप लोगों के कोई अधिकार नहीं हैं यहां तो मैं ही सब कुछ हूं। बोले- मेरे पास बार-बार मीटिंग के लिए समय नहीं है। इस मीटिंग को मैं अभी समाप्त करता हूं। देखता हूं आप लोग क्या कर लोगे और मीटिंग छोड़कर चले गए। बार बार फोन पर निवेदन करने के बाद भी सांसद चेयरमैन सुभाष बहेडिया दोबारा मीटिंग में नहीं आए।

मनुदेव का आरोप है कि जब सदस्यों ने गत मीटिंग के प्रस्ताव देखे तो पाया कि उन्हें भी गलत तरीके से लिखा गया है। जिस सदस्य ने जो प्रस्ताव डाले वहां या तो शब्दों में हेराफेरी थी या हर जगह चेयरमैन साब ने प्रस्तावक में अपना नाम डलवा रखा था। यह अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक है। प्रधानमंत्री इन शिकायतों पर कार्यवाही कर दोषियों को दंडित करें।

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