इजराइली बस्तियों को लेकर अमेरिका के रुख में बदलाव, कहा- बस्तियां अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप नहीं
नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने शुक्रवार को अमेरिका के लगभग 50 वर्ष पुराने उस रुख को दोहराया कि फलस्तीन के कब्जाए गए क्षेत्रों में बसीं इजराइली बस्तियां अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत ‘अवैध’ हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका का मानना है कि बस्तियां इजराइली दायित्वों के अनुरूप नहीं हैं। ब्लिंकन का यह बयान पूर्व विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो के रुख के विपरीत है। बाइडन प्रशासन का यह रुख पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की इजराइल समर्थक नीतियों से भी अलग है।
अमेरिका-इजराइल के बीच तनाव बढ़ रहा
ब्लिंकन ने एक पत्रकार के सवाल के जवाब में यह बात कही। पत्रकार ने उनसे उस घोषणा के बारे में पूछा था जिसमें कहा गया था इजराइल फलस्तीन के हमले के जवाब में वेस्ट बैंक में 3,300 से अधिक नए घर बनाएगा। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि तीन साल से अधिक कार्यकाल होने पर ब्लिंकन ने पॉम्पिओ के फैसले को पलटने के लिए यह समय क्यों चुना है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब गाजा में जारी युद्ध को लेकर अमेरिका-इजराइल के बीच तनाव बढ़ रहा है। साथ ही यह बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत अंतरराष्ट्रीय न्यायालय इजराइली कब्जे की वैधता को लेकर सुनवाई कर रहा है।
बस्तियों के विस्तार का विरोध करता है अमेरिका
ब्लिंकन ने अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में कहा कि अमेरिका को इजराइल के धुर दक्षिणपंथी वित्त मंत्री बेजालेल स्मोटरिच द्वारा घोषित नयी बस्तियों से संबंधित योजना के बारे में जानकर ‘निराशा’ हुई है। बेजालेल ने यह घोषणा माले अडुमिम बस्ती के निकट कारों पर तीन फलस्तीनी बंदूकधारियों के हमले में एक इजराइली सैनिक की मौत के बाद की है। ब्लिंकन ने हमले की निंदा की, लेकिन कहा कि अमेरिका बस्तियों के विस्तार का विरोध करता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेरिका एक बार फिर (पूर्व राष्ट्रपति जिमी) कार्टर के शासनकाल में अपनाए गए कानूनी रुख का पालन करेगा कि बस्तियां अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप नहीं हैं।