देहरादून: अच्छी सड़कें , अच्छा राजमार्ग किसी भी राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए प्राणवायु जैसा है । बेहतर सड़क कनेक्टिविटी से ही पर्यटन क्षेत्र के विकास का रास्ता भी तैयार होता है। इस विजन के साथ उत्तराखंड के ऊर्जावान मुख्यमंत्री इस समय राज्य के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास और परिवहन क्षेत्र की क्रांति के लिए सक्रिय हैं। उनकी सूझ बूझ और दूरदर्शिता का ही फल है कि उन्हें भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से हर स्तर पर सहयोग और समर्थन मिल रहा है। उन्हें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का भी विशेष स्नेह और समर्थन प्राप्त है जिसका लाभ परिवहन के क्षेत्र में समूचे उत्तराखंड को मिलना शुरू हो गया है।
हाल ही में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे परियोजना के तीव्र निर्माण कार्य से विकास के नए आयाम स्थापित हो रहे हैं। जल्द ही ये एक्सप्रेस-वे उत्तराखंड के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। समस्त प्रदेशवासियों की ओर से केंद्र सरकार का सहृदय आभार! “
मुख्यमंत्री धामी ने यह भी कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल मार्गदर्शन एवं माननीय केन्द्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी जी के नेतृत्व में पूरे देश में सड़क एवं परिवहन के क्षेत्र में एक नई क्रांति आई है, जिसका शानदार उदाहरण उत्तराखण्ड की रोड कनेक्टिविटी भी है।
पिछले साल विकास की गति की तुलना करते हुए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी उत्तराखंड यात्रा के दौरान कहा था कि साल 2007 से 2014 के बीच जो केंद्र की सरकार थी, उसने सात साल में उत्तराखंड में केवल 288 किलोमीटर नेशनल हाईवे बनाए जबकि हमारी सरकार ने अपने सात साल में उत्तराखंड में 2000 किलोमीटर से अधिक लंबाई के नेशनल हाईवे का निर्माण किया है।” दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर की आधारशिला भी रखी जा चुकी है जो उत्तराखंड के आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त करेगी। गौरतलब है कि 4 दिसंबर, 2021 को उत्तराखंड के देहरादून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली-देहरादून आर्थिक गलियारा (ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे जंक्शन से देहरादून तक) का शिलान्यास किया था।
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 175 किमी. होगी। करीब 8,600 करोड़ रुपए की लागत से हाईवे बनाया जाएगा। आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा एवं निवेश को प्रोत्साहन देने के लिये हाईवे बनाया जा रहा है। दिल्ली-देहरादून के बीच सड़क से यात्रा का समय आठ घंटे से घटकर करीब ढाई घंटे का सफर हो जाएगा। वन्यजीवों के अवरोधरहित आवागमन के लिये यह एशिया का सबसे बड़ा 12 किमी. वन्यजीव एलिवेटेड कॉरिडोर होगा।
इस एक्सप्रेस-वे में 500 मीटर के अंतराल पर 750 वे अधिक वर्षा जल संचयन तथा वाटर रिचार्ज प्वाइंट होंगे। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे से हरिद्वार की दूरी महज 51 किमी. हो जाएगी, जो करीब 2082 होगी। इस रूट से दिल्ली के लिये हरिद्वार से कनेक्टिविटि आसान हो जाएगी, जिससे सफर का समय घटेगा। इसमें छह इंटरचेंज, चार फ्लाईओवर, छह प्रमुख पुल, 10 माइनर एवं दो आरओरी तथा 10 वीयूपी होंगे।
आशारोड़ी से गणेशपुर तक तक वन्यजीव बाहुल क्षेत्र है। डाटकाली से गणेशपुर तक एक्सप्रेस-वे एलिवेटड है, इसलिये जंगली जानवरों को क्रॉसिंग में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। आशारोड़ी से डाटकाली तक 200 मीटर के दो अंडरपास, 15 से 20 मीटर के छह पुल भी बनेंगी, ताकि जंगली जानवर आसानी से आसानी से आर-पार कर सके।