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कुशल वित्तीय प्रबंधन से धरातल पर लागू करेंगे बजट घोषणाएं : मुख्यमंत्री

जयपुर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार अपने शानदार एवं कुशल वित्तीय प्रबंधन से वर्ष 2022-23 के कल्याणकारी बजट को धरातल पर अवश्य लागू करेगी, इस पर किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्ण प्रतिबद्धता से प्रस्तुत इस बजट की घोषणाओं को समयबद्ध रूप से लागू करने के लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं। घोषणाओं से संबंधित अब तक करीब 100 स्वीकृतियां जारी भी की जा चुकी हैं। उन्होंने सदन को आश्वस्त करते हुए कहा कि बजट में जो भी वादे किए गए हैं, उन्हें जरूर पूरा किया जाएगा।

गहलोत सोमवार को विधानसभा में वित्त एवं विनियोग विधेयक पर चर्चा का जवाब दे रहे थे। इस दौरान उन्होंने कई घोषणाएं भी की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अपने पिछले तीन बजट में की गई घोषणाओं को पूरा करने की दिशा में भी सार्थक प्रयास किए हैं। उन्हाेंंने कहा कि राज्य सरकार इस बजट में किसानों एवं पशुपालकों के कल्याण के लिए 78 हजार 938 करोड़ रूपए खर्च करेगी। पशुपालकों एवं किसानों के कल्याण के लिए राज्य सरकार द्वारा की गई घोषणाओं का सभी को आगे बढ़कर स्वागत करना चाहिए। जबकि पूर्ववर्ती सरकार के समय वर्ष 2018-19 के बजट में कृषि के लिए मात्र 23 हजार 790 करोड़ रूपए का ही प्रावधान किया गया था।

श्री गहलोत ने कहा कि केन्द्र सरकार केन्द्रीय करों में राज्यों के हिस्से में लगातार कटौती कर रही है। साथ ही, केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं में भी स्वयं की हिस्सेदारी कम कर राज्यों की हिस्सेदारी बढ़ाई गई है। इसके चलते राज्यों को वित्तीय समस्या का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2021-22 में प्रदेश को केन्द्रीय करों के रूप में 68 हजार करोड़ रूपए की राशि मिलनी थी, लेकिन इसमें से 49 हजार करोड़ रूपए ही प्रदेश को मिल सकेंगे। इस प्रकार केन्द्र से करीब 19 हजार करोड़ रूपए कम प्राप्त होने का अनुमान है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के 13 जिलों को जल उपलब्ध कराने की दृष्टि से ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट महत्वाकांक्षी परियोजना है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जयपुर एवं अजमेर की यात्राओं के दौरान इस प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने के लिए आश्वस्त किया था। उन्होंने कहा कि जनहित में प्रतिपक्ष के सभी सदस्य तथा सांसद इस परियोजना को राष्ट्रीय दर्जा दिलाने के लिए केन्द्र सरकार पर दबाव बनाने में राज्य सरकार का सहयोग करें। उन्होंने जीएसटी क्षतिपूर्ति अवधि 5 साल और बढ़ाने, केन्द्र प्रवर्तित सहित अन्य योजनाओं में राज्यों की हिस्सेदारी पूर्व की भांति समेकित निधि के माध्यम से उपलब्ध कराने का प्रावधान पूर्ववत रखने सहित राज्यहित से जुड़े अन्य मुद्दों में प्रतिपक्ष से सहयोग करने का आग्रह किया है।

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