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चीन ने समुद्र में बना दिया आर्टिफिशियल द्वीप को एयरफील्ड

बीजिंग: कोरोना जैसी महामारी (corona pandemic) में दुनिया को फंसाने वाले चीन ने समुद्र में ऐसा काम कर दिखाया जो दुनिया को एक बार फिर हैरान में डाल दिया है। चीन ने समुद्र में कृत्रिम द्वीप (China Artificial Islands) बना लिया है।

मीडिया खबरों की माने तो चीन के दक्षिण चीन सागर में स्थित कृत्रिम द्वीप अब अभेद्य किला बन चुके हैं। इन द्वीपों की सुरक्षा इतनी मजबूत है कि परिंदा भी बिना मंजूरी के पर नहीं मार सकता। हाल में ही इन कृत्रिम द्वीपों की कुछ नई तस्वीरें जारी की गई हैं। कहने को तो यह एक कृत्रिम द्वीप है, लेकिन चीन ने इसे एक तरह से समुद्र में अपना अभेद्य किला बना दिया है। चीन ने इस कृत्रिम द्वीप पर अपना रडार सिस्टम, एयरपोर्ट और नेवल गन की तैनाती कर दी है। भारत से महज 684 किमी दूर मालदीव के पास इस द्वीप के बनने से भारत समेत कई देशों के लिए रणनीतिक तौर पर खतरा पैदा हो सकता है।

हाल ही में चीन के इस कृत्रिम द्वीप की कुछ तस्वीरें सामने आई हैं। फोटोग्राफर एज्रा अकायन द्वारा खींची गई तस्वीर में द्वीप की असली सच्चाई दुनिया के सामने आई है। तस्वीर में बड़ी बिल्डिंग के साथ-साथ विमान को उड़ान भरते हुए दिखाया गया है। तस्वीर के जरिए यह बताने की कोशिश की गई है कि चीन इस द्वीप का इस्तेमाल किस तरह से करने के लिए आगे बढ़ रहा है। बड़ी बिल्डिंगों के बीच रडार इंस्टॉलेशन, एयरफील्ड्स और नेवल गन दिखाई दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि द्वीप की जो तस्वीरें सामने आई हैं उसमें चीन ने वहां पर बनी कई बिल्डिंगों में से एक पर पर रडार गनरी डायरेक्टर से लैस नेवल गन को तैनात किया है। बिल्डिंग के ऊपरी हिस्सों पर गुंबदों और एंटेना को देखा जा सकता है। इसके अलावा द्वीप के बीच में बनी एक बिल्डिंग पर बड़ा सा रडार लगाया गया है। द्वीप में इस तरह के हथियारों की तैनाती सुरक्षा के लिहाज से काफी अहम है। इसके जरिए टाइप 730/1130 क्लोज-इन वेपन सिस्टम (CIWS) और एक H/PJ76 76mm मल्टीपरपज डेक गन ऑपरेट किए जा सकते हैं। ये क्रूज मिसाइलों, विमानों और ड्रोन जैसे कम-उड़ान वाले हवाई खतरों और द्वीप के पास आने वाले दुश्मन के जहाजों के खिलाफ एक्शन ले सकते हैं।

चीन ने यहां भी अपनी चतुराई का नमूना दिखाया है। चीन ने द्वीप की सुरक्षा के लिए ट्रक-माउंटेड फेज एरे राडार भी लगाया है। ये वो रडार है जो बाहर से नहीं दिखाई देते हैं। इन्हें बिल्डिंग के ही किसी ढांचे में स्थापित किया जाता है, ताकि बाहर से देखने में यह पता न चल सके कि वहां रडार लगाया गया है। बिल्डिंग पर बड़े-बड़े एंटेना के साथ-साथ उन्हें जोड़ने वाली लाइनें भी नजर आ रही हैं। हालांकि, सब कुछ ढका हुआ है।

चीन इस तरह के अपने द्वीपों को हथियार प्रणालियों से लैस कर रहा है। इनमें से कई हथियारों को हेक्सागोनल कंक्रीट टावरों के समूहों के ऊपर स्थापित किया गया है। टॉवरों पर बने प्लेटफॉर्म्स की चौड़ाई करीब 30 फुट के आसपास है। कहीं-कहीं तो प्लेटफॉर्म के दो हिस्सों को जोड़कर एक बड़ा सा सिस्टम स्थापित किया गया है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मालदीव के फेदूफिनोल्हू द्वीप को मालदीव की सरकार ने चीन को 30.33 करोड़ रुपये में 50 साल की लीज पर दिया था,अब चीन ने इस द्वीप को और बढ़ा लिया है। अब इस द्वीप पर मिलिट्री का पूरा सिस्टम स्थापित कर दिया गया है। चीन एक तरह से दक्षिण सागर में अपनी पकड़ को और मजबूत बनाने का प्रयास कर रहा है। दूसरी ओर उसके इस कदम को भारत को घेरने से भी जोड़कर देखा जा रहा है।

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