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यूरीन से चलता है नया फ्यूल सेल, देगा मोबाइल को पावर

humancell_18_04_2016ब्रिटेन। शोधकर्ताओं ने एक ऐसा छोटा सेल विकसित किया है, जो यूरीन से बिजली पैदा कर सकता है। इसकी कीमत एक पौंड (करीब 100 रुपए) से भी कम है। यह डिवाइस एक माइक्रोब‍िएल फ्यूल सेल है। इसे दूरस्‍थ इलाकों में बहुत कम खर्च में बिजली पैदा करने में उपयोग किया जा सकता है।

हर फ्यूल सेल को यूनिवर्सिटी ऑफ बाथ, क्‍वीन मैरी यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन और ब्रिस्‍टल बायोएनर्जी ने विकसित किया है, जिसकी कीमत एक पौंड से दो पौंड के बीच है। माइक्रोबिएल फ्यूल सेल बिजली पैदा करने के प्राकृतिक बायोलॉजिकल प्रॉसेस का उपयोग करता है।

इसमें बैक्‍टीरिया ऑर्गेनिक मैटर जैसे यूरीन को बिजली में बदल देता है। माइक्रोबिएल फ्यूल सेल से गुजरते हुए यूरीन इस रिएक्‍शन के लिए जरूरी होती है और बैक्‍टीरिया से बिजली पैदा होती है। इसका उपयोग सीधे बिजली की डिवाइस को चलाने में किया जा सकता है या इस बिजली को स्‍टोर भी किया जा सकता है।

शोधकर्ताओं का कहना है कि इस तरह के माइक्रोबिएल फ्यूल सेल छोटे अधिक शक्‍ितशाली और अन्‍य छोटी डिवाइस से काफी सस्‍ते हैं। ये फ्यूल से महज एक इंच के हैं और इसमें कार्बन क्रिस्‍टल का उपयोग कैथोड में एक उत्‍प्रेरक की तरह किया जाता है।

कैथोड को ग्‍लूकोज और ओवलबुमिन से बनाया जाता है, जो अंडे के सफेद हिस्‍से में पाया जाने वाला एक प्रोटीन है। यह उत्‍प्रेरक रिनीवेबल है और प्‍लेटिनम से काफी सस्‍ता विकल्‍प है, जो अन्‍य माइक्रोबिएल फ्यूल सेल में आमतौर पर उपयोग होता है।

बाथ यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ केमिकल इंजीनियरिंग के लेक्‍चरर डॉक्‍टर मिरेला डी लॉरेंजो ने कहा कि यदि हम ह्यूमन वेस्‍ट से संभावित पावर को हासिल कर सकें, तो हम बिजली पैदा करने के तरीके में क्रांति ला देंगे।

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