यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को धर्मनगरी चित्रकूट के कामदगिरी मंदिर की परिक्रमा सुबह 7 बजे से शुरू कर दी। परिक्रमा पथ पर उन्होंने पौधरोपण भी किया। इससे पहले निर्मोही अखाड़ा में साधु-संतों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्रीराम की तपोस्थली चित्रकूट को सूबों की सरहद में नहीं बंधने देंगे। इसे ‘फ्री जोन’ बनाकर सभी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराके इस क्षेत्र का समुचित और समग्र विकास कराया जाएगा। इसके लिए यूपी-एमपी की सरकारें मिलकर आपसी तालमेल से काम करेंगी। बिजली पानी 24 घंटे मिलेगा। भगवान श्रीराम की कर्मस्थली का विकास जन्मस्थली अयोध्या की तर्ज पर होगा।
चित्रकूट में अभी तक रोड-टोल टैक्स आदि के मामलों में दो प्रदेशों की अलग-अलग व्यवस्था है। इससे भी श्रद्धालुओं को दिक्कत होती है। फ्री जोन बन जाने से यहां एक तरह की व्यवस्था लागू हो सकेगी। महोबा से सूर्यास्त के समय हेलीकाप्टर के जरिये आए मुख्यमंत्री ने यहां सर्वाधिक महत्वपूर्ण निर्मोही अखाड़ा के सभागार में संतों के साथ बैठक की। इसमें यहां के मुख्य सात अखाड़ों और 11 मंदिर के महंत शामिल हुए। लगभग 30 मिनट तक चली बैठक से मीडिया को दूर रखा गया।
बैठक की अध्यक्षता कर रहे निर्मोही अखाड़ा के महंत ओंकारदास ने मुख्यमंत्री से चित्रकूट की बुनियादी समस्याओं पर चर्चा की। बताया कि यह धर्मनगरी यूपी और एमपी में बंटी हुई है। इससे श्रद्धालुओं को काफी असुविधा हो रही है। साथ ही धर्मनगरी का विकास अवरुद्ध हो रहा है। अन्ना प्रथा और किसानों के अन्य मुद्दों पर भी महंतों ने मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित कराया।
सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री ने संतों को भरोसा दिलाया कि धर्मनगरी चित्रकूट की समस्याओं का जल्द समाधान कराके रामराज्य लाया जाएगा। बिजली-पानी भरपूर मिलेगा। मंदाकिनी नदी के प्रदूषण पर कहा कि इसे सरयू नदी की तरह दूर कराया जाएगा। भगवान राम साढ़े 11 साल तक यहां रहे, इसका आज भी आभास होता है। संतों ने 21 सूत्री ज्ञापन भी सौंपा। मुख्यमंत्री ने निर्मोही अखाड़ा के गोलोकवासी महंत रामाश्रय दास की समाधि पर पुष्प चढ़ाए।
मुख्यमंत्री Nitish Kumar ने भरी महफिल में पकड़ ली मंत्री की गर्दन || Dastak Times ||