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बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान तत्काल कराएं: सीएम योगी

नई दिल्ली: मुख्यमंत्री (Chief Minister) योगी आदित्यनाथ ने बकाये गन्ना मूल्य का भुगतान अविलम्ब कराने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि डिफॉल्टर चीनी मिलों से गन्ना किसानों के बकाया मूल्य का तत्काल भुगतान कराया जाए. गन्ना किसानों के हितों की अनदेखी करने वाली चीनी मिलों के प्रबन्धन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए. राज्य सरकार (State government) गन्ना किसानों के हित में हर सम्भव कदम उठा रही है. मुख्यमंत्री (Chief Minister) शनिवार (Saturday) को आवास पर गन्ना किसानों के भुगतान की समीक्षा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा अब तक 1 लाख 42 हजार 650 करोड़ रुपये के गन्ना मूल्य का भुगतान 45 लाख गन्ना किसानों को कराया जा चुका है. कोरोना काल में भी प्रदेश में चीनी मिलें चलती रहीं. साथ ही, रमाला, मुण्डेरवा व पिपराइच में नई चीनी मिलों की स्थापना की गई. खाण्डसारी उद्योग में लाइसेंस की व्यवस्था को समाप्त किया गया. मुख्यमंत्री (Chief Minister) को अधिकारियों ने बताया कि पेराई सत्र 2020-2021 में प्रदेश में कुल 120 चीनी मिलों का संचालन हुआ, जिनके द्वारा की गई गन्ना खरीद 1,028 लाख टन के सापेक्ष 33,025 करोड़ रुपये गन्ना मूल्य देय हुआ.

इस लक्ष्य के सापेक्ष चीनी मिलों द्वारा 27,750 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया जा चुका है. अधिकारियों ने बताया कि सरकार के कार्यकाल में किसी भी राज्य सरकार (State government) द्वारा पिछले 50 वर्षों में अब तक का सबसे अधिक गन्ना मूल्य का रिकॉर्ड भुगतान तेजी के साथ किसानों को किया गया है. चीनी की संस्थागत खरीद व प्राप्ति में कमी आई है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार (State government) द्वारा गन्ना किसानों के लिए उठाए गए कदमों के कारण यह रिकॉर्ड भुगतान किया जाना सम्भव हो सका है. इसके अतिरिक्त शीरा, एथेनॉल, बगास तथा प्रेसमड के कारण भी यह भुगतान करने में सहायता मिली है. प्रदेश में शीरा या गन्ने का रस से निर्मित एथेनॉल के उत्पादन और विक्रय होने से सैनिटाइजर (Sanitizer) का निर्माण व्यापक स्तर पर हुआ. इससे भी गन्ना मूल्य भुगतान में तेजी आई. मुख्यमंत्री (Chief Minister) को अवगत कराया गया कि 53 चीनी मिलों द्वारा पेराई सत्र 2020-2021 का शत-प्रतिशत गन्ना मूल्य भुगतान सुनिश्चित किया जा चुका है. 67 चीनी मिलों का आंशिक गन्ना मूल्य भुगतान लम्बित है. इनमें से अधिकांश चीनी मिलों के पास सीसीएल नहीं है. यह मिलें चीनी तथा अन्य उत्पादों की बिक्री से प्राप्त धनराशि से चीनी मिलें गन्ना मूल्य का भुगतान कर रही हैं.

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