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कांग्रेस ने एक बार फिर किया मोदी सरकार पर हमला

नई दिल्ली। निर्भया के दोषियों को 7 साल बाद फांसी दिए जाने के बाद कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि उन्होंने निर्भया फंड  का इस्तेमाल नहीं हुआ। कांग्रेस नेता अमी याग्निक ने शुक्रवार को संसद परिसर में कहा कि न्याय हुआ है, लेकिन देर से हुआ है। इसके साथ ही उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि निर्भया फंड का कोई इस्तेमाल नहीं हुआ। इसके तहत महिला स्टेशन, पीसीआर वैन और पीड़िता को आर्थिक मदद देने की व्यवस्था की गई थी। लेकिन सरकार ने इसका उपयोग नहीं किया।

अमी ने दावा किया कि इस सरकार में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में बहुत बढ़ोतरी हुई। कांग्रेस की राज्यसभा सदस्य छाया वर्मा ने कहा, ‘सही मायनों में आज महिलाओं को न्याय मिला है। लेकिन न्याय इतना विलंब हुआ है इससे साबित होता है कि न्यायिक व्यवस्था में कमजोरी है।’ गौरतलब है कि पूरे देश की आत्मा को झकझोर देने वाले इस मामले के चारों दोषियों मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को सुबह साढ़े पांच बजे तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई।

निर्भया फंड बनाया था जिसमें हर वित्त वर्ष में 1,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। गृह मंत्रालय ने 2015 में इस फंड के लिए आवंटित धन का मात्र एक फीसदी खर्च होने की वजह से इसे महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को निर्भया फंड के लिए नोडल एजेंसी बना दिया। इस फंड के तहत पूरे देश में बलात्कार संबंधित शिकायतों और मुआवजों के निस्तारण के लिए 660 एकीकृत वन स्टॉप सेंटर बनने थे। जिससे पीड़ितओं को कानूनी मदद के साथ-साथ उनकी पहचान भी छिपी रहे।

2016 में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस भेजा था कि अभी तक निर्भया फंड का इस्तेमाल क्यों नहीं किया गया है। इसी के लिए नोडल एजेंसी का भी गठन किया गया है। जिसे केंद्र सरकार के निर्देशों के मुताबिक अन्य मंत्रालयों की योजनाओं में इस फंड के इस्तेमाला का रिव्यू करना था। निर्भया फंड के अंतर्गत अभी तक 2,195.97 करोड़ रुपये के 18 प्रपोजल विभिन्न मंत्रालयों से आए हैं जिनमें से 2,187.47 करोड़ रुपये के 16 प्रपोजल को एक उच्चस्तरीय कमिटी ने मंजूरी दे दी है।

इस फंड का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा सेंट्रल विक्टिम कॉम्पेन्सेशन फंड है ये बलात्कारी पीड़िताओं को वित्तीय मदद देने के लिए बनाया गया है। इसके तहत सरकार ने 200 करोड़ का फंड बनाया और घोषित किया। इसके तहत रेप या ऐसिड अटैक की पीड़िताओं को 3 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। इसमें 50 फीसदी राशि राज्य सरकारों को देना है हालांकि राज्य सरकार अपना हिस्सा नहीं दे रही है। उनका कहना है कि उनके पास फंड की कमी है।

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