नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी समेत मोदी सरकार के कई मंत्रियों और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत पार्टी के कई नेताओं ने शनिवार को ‘नमो एप’ के जरिए भाजपा को न केवल एक-एक हजार रुपये का चंदा दिया, बल्कि सोशल मीडिया पर उसकी रसीद को शेयर करते हुए लोगों से बढ़-चढ़ कर पार्टी फंड में दान देने की अपील की। दरअसल, भाजपा के ये सभी दिग्गज नेता एक विशेष अभियान के तहत पार्टी फंड में चंदा दे रहे हैं। इस अभियान की शुरुआत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर की। भाजपा इस ‘स्पेशल माइक्रो डोनेशन कैंपेन’ को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि 11 फरवरी, 2022 तक चलाएगी।
पार्टी फंड में दान देने की रसीद को शेयर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, “मैंने भाजपा के पार्टी फंड में एक हजार रुपये का दान दिया है। देश को हमेशा पहले स्थान पर रखने के हमारे आदर्श और हमारे कैडर द्वारा आजीवन निस्वार्थ सेवा करने की संस्कृति को आपके छोटे से दान से और मजबूती मिलेगी। भाजपा को मजबूत बनाने में मदद करें। भारत को मजबूत बनाने में मदद करें।
अमित शाह ने भी दान देने की रसीद शेयर करते हुए ट्वीट किया, “भाजपा को दिया गया कोई भी डोनेशन एक मजबूत नए भारत की दिशा में एक अहम योगदान है। आप नमो एप के ‘डोनेशन मॉड्यूल’ के माध्यम से पार्टी को अपना डोनेशन दे सकते हैं। मैं भाजपा के सभी शुभचिंतकों और कार्यकर्ताओं से दान करने और दूसरों को इसके लिए प्रेरित करने की अपील करता हूं।”
राजनाथ सिंह ने भी पार्टी फंड में दिए गए दान की रसीद को शेयर करते हुए लिखा, “भाजपा के कोष में समर्पित की गई छोटी से छोटी राशि भी अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। मैंने आज ‘नमो एप’ के माध्यम से एक छोटी सी राशि पार्टी के प्रति समर्पित की है। भाजपा के सभी समर्थक और कार्यकर्ता इसमें अपना योगदान करें और राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में अपनी भूमिका निभाएं।”
प्रधानमंत्री मोदी, भाजपा अध्यक्ष नड्डा और पार्टी के दिग्गज नेताओं द्वारा चंदे के इस महाभियान में पहले दिन ही बढ़-चढ़कर शामिल होने के बाद देशभर में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं में चंदा देने की होड़ सी लग गई। चुनावी दृष्टि से भी इसे भाजपा की एक महत्वपूर्ण रणनीति बताया जा रहा है, क्योंकि इस अभियान के जरिए भाजपा कार्यकर्ता और नेता करोड़ों लोगों से सीधा संपर्क और संवाद स्थापित करेंगे, जिसका लाभ आने वाले विधानसभा चुनावों में भी मिलना तय माना जा रहा है।