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कोलकाता । पीएमएलए की एक विशेष अदालत ने सोमवार शाम को पश्चिम बंगाल के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी की ईडी हिरासत तीन अगस्त तक बढ़ा दी।
अदालत ने चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी की ईडी हिरासत भी 3 अगस्त तक बढ़ा दी।
चटर्जी के वकीलों ने कहा कि वे पीएमएलए अदालत के आदेश का अध्ययन करेंगे और फिर तय करेंगे कि फैसले के खिलाफ किसी उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना है या नहीं।
पीएमएलए अदालत ने यह भी आदेश दिया कि चटर्जी और मुखर्जी दोनों को चिकित्सा जांच के लिए 3 अगस्त तक की अवधि के दौरान 48 घंटे के अंतराल पर किसी भी अस्पताल में पेश करना होगा।
हिरासत की अवधि बढ़ाने के पक्ष में बहस करते हुए ईडी के वकील अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एम.वी. राजू ने दावा किया कि ईडी के अनुमान के अनुसार, डब्ल्यूबीएसएससी भर्ती अनियमितताओं में 120 करोड़ रुपये की वित्तीय संलिप्तता थी, जिसमें से केवल एक छोटा सा हिस्सा अर्पिता मुखर्जी के आवास से बरामद किया गया है।
इसलिए, ईडी के वकील ने तर्क दिया, आगे की पूछताछ के लिए चटर्जी और मुखर्जी की हिरासत बढ़ाने की आवश्यकता है।
इस बीच ईडी के सूत्रों ने बताया कि मुखर्जी के आवास पर छापेमारी के दौरान उनके आवास से दो कार्यकारी डायरियां बरामद हुई हैं। एक डायरी में लिखा है, “शिक्षा विभाग, पश्चिम बंगाल सरकार।”
सूत्रों ने कहा कि दोनों डायरियों में कई कोड लिखे हुए हैं और ईडी के अधिकारियों का मानना है कि वे करोड़ों रुपये के भर्ती घोटाले से किए गए संग्रह के संबंध में खातों के कुछ बयानों से संबंधित हैं।
इस बीच, ईडी के वकील ने पीएमएलए कोर्ट में अपना मामला पेश करते हुए बताया कि गिरफ्तारी के बाद से चटर्जी लगातार एजेंसी के अधिकारियों को धमका रहे हैं।
राजू ने दावा किया कि ईडी के अधिकारियों ने चटर्जी द्वारा दी गई धमकियों की वीडियो-रिकॉडिर्ंग की है, खासकर जब उन्हें रविवार को सरकारी एसएसकेएम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ले जाया गया।