अफगानिस्तान संकट पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि बदलते समीकरण को वे एक चुनौती मानते हैं। हम अपनी रणनीति में भी बदलाव ला रहे हैं। इसी के तहत क्वाड का गठन किया गया है जिसमें भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में हो रहे बदलावों से कोई भी देश अछूता नहीं रह सकता है। सैन्य शक्ति, व्यापार, संचार, अर्थव्यवस्था और राजनीतिक समीकरण जैसे क्षेत्रों में बदलाव स्पष्ट रूप से देखे जा सकते हैं।
रविवार को तमिलनाडु के ऊटी के पास वेलिंगटन में ‘डिफेंस सर्विसेस स्टाफ कॉलेज’ में अधिकारियों को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि देश के सामने आने वाली चुनौतियों के नमूनों में यह एक बड़ा बदलाव था। मुझे यह कहते हुए ख़ुशी होती है, कि इन बदलावों को ध्यान में रखते हुए हमने अपनी सुरक्षा नीतियों में बड़ा बदलाव किया। हमने एक नई गतिशीलता के तहत आतंकवाद के ख़िलाफ़ अपने रवैये को प्रो-एक्टिव बनाया है। भारत की सीमा पर चुनौतियों के के बावजूद, आम आदमी को विश्वास है कि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होग। और इस विश्वास में दृढ़ता आई है कि देश अपनी जमीन पर तो आतंक का खात्मा करेगा ही, जरूरत पड़ने पर उनकी जमीन पर जाकर भी हमला करने से पीछे नहीं हटेगा।
उन्होंने कहा कि क्षमता होने के बाद भी भारत ने किसी भी पड़ोसी देश पर आक्रमण नहीं किया है और ना ही किसी पड़ोसी देश की एक इंच ज़मीन पर कब्ज़ा किया है, यह भारत का इतिहास रहा है। पूरी दुनिया को हमने अपना परिवार माना है। उन्होंने कहा, “भारत-चीन सीमा गतिरोध के दौरान, जब चीनी सेना आगे बढ़ने की कोशिश कर रही थी, मैंने सेना प्रमुख से बात की, स्थिति बहुत गंभीर थी.।उस स्थिति में भी हमारी सेना ने जिस तरह समझदारी भरा व्यवहार किया वह काबिले तारीफ है।”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “इसके साथ, हमारे सुरक्षा बलों ने एक बार फिर साबित कर दिया कि हम किसी भी समय और स्थिति में किसी भी दुश्मन का सामना करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, चाहे कोई भी कीमत क्यों न हो।” राजनाथ सिंह ने कहा कि जब से देश आजाद हुआ है तभी से विरोधी ताकते किसी न किसी तरह देश में अस्थिरता लाने की कोशिश में जुटी हैं। लगता है कि चुनौतियां मानों हमें विरासत में मिली हों।