केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के फर्जी सिग्नेचर के आरोप में डेंटल सर्जन को किया गिरफ्तार
अंतराष्ट्रीय निशानेबाज वर्तिका सिंह की सदस्य के रूप में नियुक्ति से संबंधित दस्तावेज पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के फर्जी हस्ताक्षर करने के आरोप में एक डेंटल सर्जन को सुल्तानपुर की एक स्थानीय अदालत ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। 23 नवंबर, 2020 को ईरानी के सहयोगी विजय गुप्ता द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी के बाद अदालत का फैसला आया।
अमेठी के मुसाफिरखाना थाने में दर्ज प्राथमिकी में गुप्ता ने वर्तिका कांग्रेस के पूर्व सांसद कमल किशोर कमांडो पर केंद्रीय मंत्री की छवि खराब करने के लिए प्रथम ²ष्टया फर्जी दस्तावेज सोशल मीडिया पर प्रसारित करने का आरोप लगाया था। दस्तावेजों में, वर्तिका सिंह ने आरोप लगाया कि विजय गुप्ता ने केंद्रीय मंत्री के माध्यम से राष्ट्रीय महिला आयोग के सदस्य के रूप में उनकी नियुक्ति का आश्वासन देते हुए उन्हें 25 लाख रुपये का चूना लगाया था ।
मुसाफिरखाना के पुलिस निरीक्षक परशुराम ओझा ने कहा कि जांच के दौरान पता चला कि वर्तिका सिंह ने पूर्व सांसद की मदद से जो दस्तावेज बांटे थे, वे वास्तव में वर्तिका सिंह की मिलीभगत से डेंटल सर्जन डॉ रजनीश कुमार ने तैयार किया था। ओझा ने कहा, हमने वर्तिका सिंह, डॉ रजनीश कुमार के खिलाफ बेईमानी, जालसाजी, मूल्यवान दस्तावेजों की जालसाजी के आरोपों के तहत आरोप पत्र दायर किया है।
आरोप पत्र दाखिल होने के बाद, डॉ रजनीश कुमार कथित तौर पर भूमिगत हो गए जिसके बाद पुलिस ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया। डेंटल सर्जन ने आखिरकार शुक्रवार शाम को अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया जब पुलिस ने उसकी संपत्ति कुर्क करने की कार्यवाही शुरू की।
डॉ रजनीश कुमार को विशेष न्यायाधीश सांसद विधायक पी.के. जयंत ने उसे 17 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इस बीच वर्तिका सिंह ने भी कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि वह भी इस मामले की पीड़िता है।