डाकघर में बिना जोखिम वाला निवेश, 10 हजार जमा करें, 16 लाख पाएं
नई दिल्ली : भारतीय डाक लोगों को कई स्कीम में पैसे लगाने को कहता है। पोस्ट ऑफिस में आरडी के अलावा कई ऐसी स्कीम है। जहां, लोग थोड़े-थोड़े पैसे प्रति महीने जमा कर सकते हैं। इसके बदले लोगों को पोस्ट ऑफिस एक तय सीमा के बाद एकमुश्त रकम लौटाती है। कुछ ऐसी ही स्कीम की हम चर्चा कर रहे हैं। जिसमें आप पैसे लगाने के बाद उसकी अवधि पूरी हो जाने पर एकमुश्त रकम पा सकते हैं। सबसे बड़ी बात ये है कि इस निवेश में रिस्क नहीं होती। आप बिल्कुल टेंशन फ्री होकर निवेश कर सकते हैं। पोस्ट ऑफिस की ये स्कीम आपको जोखिम शून्य और बेहतर रिटर्न देती है।
अगर आप कोई ऐसा निवेश चाहते हैं जिसमें बढ़िया फायदा हो, तो पोस्ट ऑफिस की स्कीम आपके लिए बेहतर है। भारतीय डाक की छोटी बचत योजना आपके लिए अच्छा विकल्प साबित हो सकती हैं। आइए हम आपको बताते हैं, ऐसी ही स्कीम के बारे में जहां जोखिम बिल्कुल नहीं है। रिटर्न आपको बेहतर मिलता है। ये स्कीम है। पोस्ट ऑफिस की रेकरिंग डिपॉजिट योजना। आप पोस्ट ऑफिस में आरडी एकाउंट खोलकर उससे बेहतर ब्याज दर के साथ छोटी किस्तों में रकम जमा कर सकते हैं। भारत सरकार की ये एक गारंटेड योजना है। जहां जोखिम बिल्कुल भी नहीं है। इसमें आप महज 100 रुपये से अपने निवेश की शुरुआत कर सकते हैं।
आरडी स्कीम में निवेश की अधिकतम सीमा बिल्कुल निर्धारित नहीं है। आप जितनी चाहें, उतनी रकम डाल सकते हैं। इस स्कीम के तहत 5 सालों के लिए खाता खोला जाता है। इसमें जमा पैसे पर ब्याज की गणना हर तिमाही पर होती है। इसे हर तीन महीने के आखिर में आपके खाते में जोड़ दिया जाता है। जिसमें ब्याज भी शामिल होता है। वर्तमान में इस स्कीम पर उपभोक्ताओं को 5.8 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है। ये दर एक अप्रैल 2020 से सभी पोस्ट ऑफिस पर लागू होती है। यदि आप हर महीने आरडी में 10 हजार रुपये का निवेश करते हैं। 10 साल बाद आपको लागू ब्जाज दर के हिसाब से 16 लाख रुपये से ज्यादा की रकम मिलेगी।
दस साल बाद आपके दस हजार रुपये का मासिक 16 लाख 28 हजार 963 रुपये हो जाएगा। इसके लिए आपको अपने खाते में नियमित पैसे जमा करने होंगे। अगर पैसा जमा नहीं किया, तो आपको एक परसेंट के हिसाब से जुर्माना देना होगा। अगर आप चार किस्त चूक जाते हैं, तो खाता बंद कर दिया जाएगा। आरडी पर निवेश करने पर टीडीएस भी कटता है। अगर डिपॉजिट चालीस हजार रुपये है, तो दस प्रतिशत की सलाना दर से टैक्स लगता है। आरडी पर मिलने वाले ब्याज दर पर भी टैक्स का प्रावधान है।