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माइंड गेम के बादशाह हैं धोनी, पहले IPL ऑक्शन में सचिन-गांगुली-सहवाग सभी हो गए थे चित

नई दिल्ली: आईपीएल की पहली नीलामी याद है! साल 2008. देश में पहली बार क्रिकेटरों पर बोली लगने जा रही थी. खिलाड़ी से लेकर क्रिकेट फैंस तक… कोई कन्फ्यूज था तो कोई नाराज. आखिर खिलाड़ियों पर कोई बोली कैसे लगा सकता है. खिलाड़ी बिक कैसे सकते हैं. लेकिन ललित मोदी की अगुवाई में बीसीसीआई आगे बढ़ चुका था.

पहले 8 शहरों की फ्रेंचाइजी बिकीं और फिर खिलाड़ियों की बारी आई. 8 में से 5 टीमों ने एक-एक मार्की प्लेयर चुने. ये मार्की प्लेयर बने सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़, वीरेंद्र सहवाग और युवराज सिंह. यह एक तरह से खिलाड़यों के लिए एक तरह का सम्मान था. इसी कारण इस लिस्ट में ‘मिडास टच’ वाले कप्तान एमएस धोनी का नाम नदारद था. क्रिकेट फैंस हैरान थे कि ऐसा क्यों हुआ.

महेंद्र सिंह धोनी के मार्की प्लेयर ना बनने की खास वजह थी. भारत को विश्व कप जितान वाले कप्तान धोनी ने इसका खुलासा किया. धोनी ने बताया कि उनसे पूछा गया था कि क्या वे किसी टीम का मार्की प्लेयर बनना चाहेंगे. उन्हें यह फैसला लेने के लिए ज्यादा वक्त नहीं मिला. उन्होंने कम समय में ही फैसला लिया कि मार्की प्लेयर नहीं बनना. बिड में उतरना है.

एमएस धोनी स्टार स्पोर्ट्स के एक शो में कहते हैं, ‘मेरे पास दो-तीन टीमों का मार्की प्लेयर बनने का मौका था. लेकिन मैंने तय कि प्लेयर्स बिड में उतरना ठीक रहेगा. मुझे उम्मीद थी कि बिड में उतरने से कम से कम 1 मिलियन (डॉलर) मिल सकते हैं.’ धोनी का यह दांव चल निकला और वे आईपीएल 2008 के सबसे महंगे खिलाड़ी बनने में कामयाब रहे.

आईपीएल 2008 की नीलामी में चेन्नई सुपरकिंग्स ने एमएस धोनी पर 1.50 मिलियन डॉलर की बोली लगाई. शुरुआत में तो कई टीमों ने धोनी पर दांव लगाया, लेकिन जैसे-जैसे दाम बढ़ने शुरू हुए, टीमें पीछे हटने लगीं. आखिर में चेन्नई सुपरकिंग्स और मुंबई इंडियंस के बीच मुकाबला हुआ. मुंबई इंडियंस 1.40 मिलियन डॉलर तक गया. लेकिन जब सीएसके ने 1.50 मिलियन की बोली लगाई तो मुंबई की फ्रेंचाइजी भी पीछे हट गई. धोनी को मिली रकम आईपीएल 2008 में किसी भी खिलाड़ी से ज्यादा थी.

इस तरह एमएस धोनी अपने एक फैसले की वजह से आईपीएल के सबसे महंगे प्लेयर बन गए. अगर धोनी, सचिन, सहवाग, युवराज की तरह मार्की प्लेयर बन जाते तो वे अपनी टीम के सबसे महंगे खिलाड़ी तो बन जाते, लेकिन यह जरूरी नहीं था कि वे पूरी लीग के सबसे महंगे खिलाड़ी होते. बाकी 5 मार्की प्लेयर के साथ हुआ.

जैसे कि सचिन 1.121 मिलियन डॉलर के साथ मुंबई इंडियंस के सबसे महंगे खिलाड़ी तो बने, लेकिन एमएस धोनी से पीछे रह गए. बता दें कि मार्की प्लेयर के बारे में एक बात तय थी कि उसकी फ्रेंचाइजी जिस खिलाड़ी पर सबसे अधिक बोली लगाएगी, मार्की प्लेयर को उससे 15 फीसदी ज्यादा राशि मिलेगी.

आईपीएल ऑक्शन 2008 के टेबल में मौजूद सीएसके के अधिकारी कहते हैं कि उन्हें पता था कि जिन टीमों ने मार्की प्लेयर चुन रखे हैं, वह धोनी पर ज्यादा रकम नहीं लगा पाएंगे. इसीलिए मुंबई भले ही काफी देर तक बोली लगाती रही, लेकिन वे ज्यादा चिंतित नहीं थे. वैसे भी सीएसके ने तय कर रखा था कि धोनी पर कम से कम 1.80 मिलियन डॉलर तक तो जाना ही है.

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