उपेक्षा का दंश झेल रहे कतर्नियाघाट के वनवासी, वन विभाग के आगे जिला प्रशासन नतमस्तक: केशव सिंह
बहराइच: जनपद बहराइच के कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के अंतर्गत वनभूमि पर सैकड़ों वर्षों से निवास करने वाले हजारों वन निवासी शासन प्रशासन की उपेक्षा का दंश झेल रहे हैं और वर्षों तक जंगल बचाने लगाने की सजा काट रहे हैं। यह बात शनिवार को सेवार्थ फाउंडेशन कार्यालय गिरिजापुरी में आयोजित “मासिक बैठक” को संबोधित करते हुए वनवासी जनता यूनियन के अध्यक्ष केशव सिंह ने कही। उन्होंने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन वन विभाग के आगे नतमस्तक हो गया है और उसे वन निवासियों की दिक्कत का कोई परवाह नहीं रह गया है।
वन निवासी प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता जंग हिंदुस्तानी ने कहा कि वन निवासियों के द्वारा जनपद बहराइच में वन अधिकार कानून 2006 के तहत मात्र एक वन ग्राम को राजस्व ग्राम घोषित किया गया है तथा 93 मालिकाना हक वितरित किए जा चुके हैं इसके अतिरिक्त महबूबनगर के 144 और हाल ही में निर्धारित किए गए 72 दावेदारों के मालिकाना हक वितरित किया जाना प्रतीक्षारत है लेकिन प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।
वहीं, वन अधिकार समिति, ढकिया के सदस्य लक्ष्मी प्रसाद ने कहा कि वनग्राम-भवानीपुर, बिछिया, टेडिया, ढकिया,महबूबनगर तथा श्रीराम पुरवा, सुकड़ी पुरवा, रामपुर रतिया ,तुलसी पुरवा, जागा पुरवा, हल्दी प्लाट आदि वन बस्तियों सहित सभी वन ग्रामों को यदि राजस्व ग्राम घोषित नहीं किया जाता है आगामी विधानसभा चुनाव में सत्ता पक्ष के लिए पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। सदस्य नंदकिशोर ने कहा कि राजस्व ग्राम की भांति वन ग्रामों में भी सभी प्रकार के पक्के स्कूल, पक्के आवास ,पक्की रोड और शौचालय जैसी सुविधाएं तत्काल मुहैया कराई जानी चाहिए अन्यथा एक लंबे आंदोलन के लिए तैयार रहना होगा।
वननिवासी जनता यूनियन के महासचिव समीउददीन खान ने कहा कि जिन वन निवासियों के अधिकार पत्र बन चुके हैं उन्हें शिविर लगाकर वितरित किया जाए तथा जिन वन निवासियों के अभी तक अधिकार पत्र नहीं बने हैं उन्हें वन ग्राम स्तरीय शिविर लगाकर भौतिक सत्यापन कर के अधिकार पत्र दिया जाए ,साथ ही जिन वननिवासियों को दावा प्रपत्र अभी तक वितरित नहीं किए गए हैं उन्हें दावा प्रपत्र उपलब्ध कराया जाए। वन अधिकार समिति के सदस्य श्री फगुनी प्रसाद वन विभाग द्वारा वन निवासियों पर वन अधिकार आंदोलन को दबाने के उद्देश्य से किए गए दर्ज फर्जी मुकदमों को समाप्त किया जाने की मांग उठाई।
सदस्य सोनमती ने वन निवासियों को सामुदायिक वन संसाधन के अधिकार के तहत जंगल को लगाने बचाने पुनर्जीवित करने और संरक्षित करने का अधिकार ग्राम स्तरीय वन अधिकार समिति को सौंपा जाने तथा संरक्षित वन क्षेत्र से इको पर्यटन को समाप्त किये जाने की मांग की। बैठक में भवानीपुर, बिछिया, टेडिया, ढकिया ,सुकड़ी पुरवा, श्री रामपुरवा,रामपुर रेतिया, तुलसीपुरवा आदि सभी वनग्रामों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।