कार्यभार संभालते ही DM भदोही गौरांग राठी ने बताई अपनी प्राथमिकता
प्रत्येक फरियादी को न्याय दिलाना उनकी पहली प्राथमिकता होगी
प्रत्येक पीड़ित व्यक्ति की मदद के लिए वह हमेशा तत्पर रहेंगे
कोई भी आम आदमी अपनी समस्या लेकर कभी भी मिल सकता है
-सुरेश गांधी
वाराणसी : भदोही के नवागत जिलाधिकारी गौरांग राठी ने मंगलवार अपना पदभार ग्रहण कर लिया। इस दौरान निवर्तमान जिलाधिकारी आर्यका अखौरी को विदाई भी दी गई। पदभार ग्रहण करने के बाद राठी ने कहा है कि प्रत्येक फरियादी को न्याय दिलाना उनकी पहली प्राथमिकता होगी। प्रत्येक पीड़ित व्यक्ति की मदद के लिए वह हमेशा तत्पर हैं। क्षेत्र का कोई भी आम आदमी अपनी समस्या लेकर उनसे कभी भी मिल सकता है। तहसील पर आने वाले प्रत्येक किसान की समस्या का त्वरित निराकरण कराने का भरसक प्रयास किया जाएगा। किसी कर्मचारी द्वारा यदि किसी कास्तकार को परेशान किया गया तो उसके विरुद्ध भी वैधानिक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। राठी ने कहा कि शासन की नीतियों के अनुरूप जनहित के कार्यों को गति प्रदान की जाएगी। सरकारी संपत्ति पर अनाधिकार कब्जा किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस संबंध में शासन के निर्देशों का अधिकांश पालन कराया जाएगा। इसके साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे अवैध कब्जा संबंधित विवादों का निपटारा भी प्राथमिकता के साथ किया जाएगा। इस दौरान उन्होंने कलेक्ट्रेट परिसर का भ्रमण करते हुए साफ-सफाई एवं कर्मचारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिया।
बता दें, अलीगढ़ नगर निगम के आयुक्त गौरांग राठी को जिलाधिकारी भदोही बनाया गया है। इसके पहले वह वाराणसी में नगर आयुक्त, बाबा विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी की ज़िम्मेदारी संभाल चुके है। इसके अलावा अलीगढ़ विकास प्राधिकरण में उपाध्यक्ष पद पर रहते हुए उनकी तैनाती भदोही में हुई हैं। उनकी गिनती न सिर्फ तेज-तर्रार अफसरों में होती है, बल्कि वे पहली बार डिजिटल दुनिया के कुशल खिलाड़ियों में से एक है। कोरोना काल में वाराणसी में गौरांग का डिजिटल अंदाज आज भी लोगों की जुबान पर है। उन्होंने लॉकडाउन में एनालिटिक्स का उपयोग करके सभी जरूरी सेवाओं की डिजिटल निगरानी का तंत्र तैयार किया. उत्तर भारत में पहली बार काशी में ड्रोन से सैनिटाइजेशन शुरू हुआ था।
भदोही जनपद सृजन से अब तक 42 जिलाधिकारी की तैनाती की जा चुकी है। इसमें अधिसंख्य आइएएस को जिले में पहली बार डीएम बनाया गया है। गौरांग राठी भी उन्हीं में से एक होंगे। गौरांग राठी को भी पहली बार जिले की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सीनियर रिपोर्टर सुरेश गांधी से फोन पर हुई बातचीत में नवागत जिलाधिकारी गौरांग राठी ने दावा किया है कि यदि भदोहीवासियों का सहयोग मिला तो घोषित योजनाओं-परियोजनाओं को समय सीमा के भीतर न सिर्फ पूरा करेंगे, बल्कि सीएम के गुड गवर्नेंस को भी जनता में पहुंचाने का भरपूर प्रयास करेंगे। वे सकारात्मक सोच के साथ काम करने में विश्वास रखते हैं। उनका कहना है कि इन दिनों यूपी में गुड गवर्नेंस का माहौल है। हर व्यक्ति चाहता है उसके शहर में ऐसा माहौल हो कि उसकी हर फरियाद पूरी हो सके। इसके लिए वह भरपूर प्रयास करेंगे।
योगी सरकार शिक्षा और स्वास्थ को लेकर बेहद गंभीर है। इन दोनों सेक्टर को लेकर कई फैसले भी सरकार ने लिए हैं। उसे जनता के बीच हरहाल में क्रियान्वित करायेंगे। उन्होंने कहा कि गुड गवर्नेंस के लिए एक्शन, इफेक्टिव और रेगुलर चेंज की जरूरत होती है। जिसपर हमलोगों को काम करना होगा। लोगों को सरकारी सिस्टम से जो हताशा होती है। ये रेस्पोंसिबल का नहीं होना और किसी भी काम में डिले होने की वजह से होता है। कानून तो कई बने हैं, लेकिन वो प्रभावी नहीं है। इस पर हमें विशेष तौर पर काम करना होगा। गुड गवर्नेंस के लिए आउटपुट बेस काम का होना बहुत जरुरी है। इसके लिए कर्मचारियों को नए तकनीकी से अपडेट किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कार्यो के गुणवत्ता एवं समयबद्धता पर किसी भी तरह की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। अगर निरीक्षण के दौरान कार्यो में अनदेखी एवं गुणवत्ता में लापवाही पायी गयी तो संबंधित अधिकारी, प्रोजेक्ट मैनेजर एवं ठीकेदार पर न सिर्फ कार्यवाही होगी, बल्कि जूर्माना व हर्जाना भी वसूला जायेगा। बता दें, अलीगढ़ विकास प्राधिकरण में उपाध्यक्ष के बाद पहली बार जिले की प्रशासनिक अधिकारी बनेंगे। उनके सामने अक्टूबर में चार दिवसीय कारपेट एक्स्पों को संपंन कराने के साथ ही अनगिनत चुनौतियां भी होंगी। शासन की योजनाओं को अंतिम पंक्ति में बैठे लोगों तक पहंचाना ही उनकी पहली प्राथमिकता होगी। उनका नाम तेज तर्रार आइएएस में लिया जाता है। दिल्ली आईआईटी से बीटेक कर चुके गौरांग राठी मूलरूप से खरखौदा के पास सैदपुर गांव के हैं। दिल्ली आईआईटी से टैक्सटाइल इंजीनियरिंग में 2009 में बीटेक पूरा की। गौरांग के पिता राजवीर सिंह राठी की करीब 22 साल पहले हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। चार भाई-बहन का जिम्मा मां राजकुमारी पर था। उन्होंने अपनी जिंदगी बच्चों को पढ़ाने में लगा दी। उनकी तपस्या का फल बेटे ने आईएएस बनकर दिया। नाना ओमकार सिंह ने बेटी का पूरा सहयोग किया। गौरांग की बड़ी बहन प्रियंका फैशन डिजाइनर हैं, पूर्वा भी जॉब करती हैं। भाई शिवांग ने एलएलबी की है।