आयोग ने केजरीवाल को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर वह चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन जारी रखते हैं तो उनके और उनकी पार्टी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
नई दिल्ली वोट के लिए नोट लेने की अपील वाले बयान पर चुनाव आयोग की फटकार का अरविंद केजरीवाल ने कड़ा जवाब दिया है। उन्होंने चुनाव आयोग की तरफ से पार्टी की मान्यता रद्द करने की चेतावनी के फैसले को ‘गैरकानूनी, असंवैधानिक और गलत’ करार दिया है। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वह चुनाव आयोग के फैसले को अदालत में चुनौती देंगे।
गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा 8 जनवरी को भाषण के दौरान वोट के लिए नोट लेने की अपील को चुनाव आयोग ने आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए फटकार लगाई थी। आयोग ने उन्हें दोबारा इस तरह के बयान नहीं देने का सख्त निर्देश दिया है।
इससे पहले चुनाव आयोग ने केजरीवाल को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर वह चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन जारी रखते हैं तो उनके और उनकी पार्टी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें आम आदमी पार्टी की मान्यता को निलंबित या खत्म करने की कार्रवाई भी शामिल है।
आयोग ने कहा, ‘आप यह भी ध्यान रखें कि अगर भविष्य में चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन होता है तो आयोग इलेक्शन सिंबल्स (रिजर्वेशन ऐंड अलॉटमेंट) ऑर्डर ऐक्ट के पैरा 16 के तहत आपके और आपकी पार्टी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा।’चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा है कि चुनाव आयोग का ये निर्देश सरासर गलत है। निचली अदालत ने इस मामले में मेरे पक्ष में फैसला दिया था। चुनाव आयोग ने कोर्ट के फैसले को नजरअंदाज किया है। केजरीवाल ने ट्वीट में चुनाव आयोग के इस फैसले को अदालत में चुनौती देने का फैसला किया है।