संपादकीय
दस्तक टाइम्स पत्रिका, अक्टूबर 2023
उत्तराखंड इन दिनों राज्य में नये निवेश लाने के लिए चर्चा में है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तेजी से उभर रहे उत्तराखंड राज्य को उद्योग, धार्मिक पर्यटन के साथ साथ संपूर्ण पर्यटन, बागवानी, स्वास्थ्य, शिक्षा और योग के साथ ही आपदा प्रबंधन व पर्यावरण की रक्षा और समृद्धि को लेकर अत्यधिक सजग नजर आते हैं। राज्य में निवेश को लेकर उन्होंने महत्वपूर्ण कार्ययोजना के तहत कार्य करना शुरू किया है, जिसके परिणाम हाल के उनके लंदन दौरे और देश की राजधानी नई दिल्ली में आयोजित कर्टन रेजर और दूसरे रोड शो में मिले बेहतर परिणामों ने निश्चित ही मुख्यमंत्री धामी के आत्मविश्वास को और अधिक बल दिया होगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 2025 तक उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने और साथ ही 2030 तक का रोड मैप तैयार करने की बात कही थी। उनके इस वक्तव्य को शुरुआत में तो सभी लोगों ने सहजता से लिया होगा। प्राय: राजनीतिक दल और उनके मुखिया विकास और बदलाव की जितनी घोषणाएं अपने चुनावी एजेंडे में करते हैं, वह धरातल पर उतरती हुई दिखाई नहीं देतीं। किन्तु युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने ऐक्शन से उत्तराखंड की जनता को यह विश्वास दिलाने का भरपूर प्रयास किया है कि वह जो घोषणाएं करते हैं, वह मात्र राजनीतिक एजेंडा हॉसिल करने के लिए नहीं होतीं बल्कि उनके अंदर उत्तराखंड राज्य में आमूलचूल परिवर्तन करने का जज्बा कूट-कूटकर भरा है। वह प्रात: छह बजे से ही उठकर रात्रि के 12 बजे तक निरंतर कार्य करते हैं , उनके लंच और डिनर पर भी कोई न कोई महत्वपूर्ण व्यक्ति होता हैं जिससे वह राज्यहित की चर्चा और विजन को नए आयाम देने का लाभ लेते हैं। साथ ही सरकारी मशीनरी को भी निरंतर आउटपुट देने के लिए ऐक्टिवेट रखते हैं। यही कारण है कि वे अपने अल्पकाल के शासनकाल में बहुत कुछ डिलीवर करते हुए दिख रहे हैं। उनकी चिंता राज्य में जितने बड़े औद्योगिक घरानों को स्थापित करने की है, उतनी ही चिंता वे उत्तराखंड के एक सामान्य किसान परिवार की भी करते हैं। उत्तराखंड में बागवानी और किसानी के क्षेत्र में नये विजन के साथ काम करने के उनके मंत्र में औद्योगिक घरानों को स्थापित कर उनसे रोजगार पैदा कर आम आदमी का जीवन बदलने का ईमानदारी से प्रयास कर रहे हैं। नकल कानून बनाकर जहां एक ओर राज्य की मेधा और उसके अधिकार को सुरक्षित करने का दम दिखाया है, वही समान नागरिक संहिता कानून को अमली जामा पहनाकर राज्य की शांति और समृद्धि को संरक्षित करने का जज्बा दिखाया है।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 का आयोजन कर जहां उन्होंने देश के अग्रणी राज्यों से उत्तराखंड में निवेश सुनिश्चित करने की पहल की है, वही बिटेन एवं यूएई जैसे देशों में संपर्क साध कर इकोनॉमिक पैराडिप्लोमेसी की भी शुरुआत कर दी। वैसे तो उत्तराखंड में निवेश के लिए पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के कार्यों को सराहा जाता रहा है, जिनके समय में तमाम औद्योगिक घरानों ने उत्तराखंड में पदार्पण किया था। किन्तु उस समय औद्योगिक घरानों का उत्तराखंड में आना राज्य करों पर अत्यधिक छूट मिलना था, उसके दो दशक बाद पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड राज्य में निवेश की जो नई इबादत लिख रहे हैं, उन्होंने बड़े पैमाने पर निवेश तो आमंत्रित किया है, किन्तु राज्य के करों में कोई अतिरिक्त छूट न देकर ऐसी योजना बनाई है जो राज्य में निवेश तो सुनिश्चित करने के साथ ही निवेशकों के हितों को भी सुरक्षित करेगी, साथ ही राजस्व में बढ़ोतरी करके उत्तराखंड राज्य को अपने पैरों पर खड़ा होकर देश के अग्रणी राज्य बनाने की, उनके सपने को साकार करेगी।