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बड़ी खबर : यूपी में लग सकता है 2 सप्ताह का प्रभावी लॉकडाउन

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लखनऊ: राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने मुख्यमंत्री के आधिकारिक ईमेल आईडी पर एक विस्तृत पत्र भेजकर प्रदेश में 15 दिन का लॉकडाउन प्रभावी किए जाने की अपील किया है। उन्होंने एक प्रेस विज्ञप्ति अवगत कराया है कि प्रदेश में 5000 से भी अधिक कोविड-19 के रोगी प्रतिदिन बढ़ रहे हैं। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सबसे अधिक कोविड के रोगी हैं।

राजधानी में स्थित कई सरकारी कार्यालयों में कर्मचारी कोविड के शिकार हो चुके हैं। उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन बोर्ड नगर निगम, स्वास्थ्य भवन, राजस्व परिषद, लखनऊ विश्व विद्यालय,जवाहर भवन, लोक भवन एवं सचिवालय के कई अन्य विभागों के साथ-साथ प्रदेश के दर्जनों विभागों में कोरोना अपने पैर प्रसार चुका है ।

कई विभागों के कर्मचारी व अधिकारी कोविड-19 की चपेट में हैं, ऐसे में प्रदेश में कार्यालयों का कामकाज भी प्रभावित हो रहा है तथा कर्मचारियों में कोविड-19 का डर भी बढ़ता जा रहा है। जे एन तिवारी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अवगत कराया है कि प्रदेश में कुल आबादी का लगभग 1: कोविड-19 से प्रभावित हो गई है।

लखनऊ में कोविड मरीजों की संख्या देश की कुल 24 मरीजों की संख्या का 11.66: है। कानपुर नगर, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर एवं बरेली शहरों में 5000 या उससे अधिक कोविड रोगी हैं। प्रदेश के 33 जिलों में 2000 से भी अधिक कोविड रोगी हैं। प्रदेश की जनता कोविड के बढ़ते हुए प्रकोप से चिंतित है। जे एन ने मुख्यमंत्री से अपील किया है कि कृपया प्रदेश के उन जनपदों में जहां पर बवअपक मरीजों की संख्या 2000 के आसपास या उससे अधिक है ,15 दिन का लॉक डाउन प्रभावी करने पर विचार करें।

इससे कोरोना को भगाने में लगे कर्मचारियों को कुछ राहत मिलेगी, कार्यालयों का प्रॉपर सैनिटाइजेशन हो जाएगा तथा कोरोना की चेन भी ब्रेक होगी।जे एन तिवारी ने मुख्यमंत्री को भेजे अपने पत्र में अवगत कराया है कि आज से 10 दिन पूर्व उत्तर प्रदेश में कुल कोविड रोगियों की संख्या 131763 थी, जो अब बढक़र दो लाख से अधिक हो गई है। अर्थात लगभग 69000 से भी अधिक रोगी विगत 10 दिनों में बढ़ गए हैं।

10 दिन पूर्व प्रदेश में रोगियों की संख्या प्रदेश की जनसंख्या के अनुपात में 0.62: थी, जो अब बढक़र 0.093: हो गयी है। 10 दिन पूर्व प्रदेश में कोविड रोगियों की संख्या पूरे देश के कोविड रोगियों की संख्या की 5. 65: थी जबकि यह संख्या अब बढक़र 6.10: हो गई है। उत्तर प्रदेश में कोविड रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।

हालांकि प्रदेश में रिकवरी रेट में काफी सुधार हुआ है ।10 दिन पहले कोविड मरीजों का रिकवरी रेट 61: था जबकि अब 73: से अधिक हो गया है । प्रदेश में सक्रिय मरीजों की संख्या में भी काफी कमी आई है फिर भी प्रदेश में निरंतर बढ़ रहे कोवीद के मरीजों का आंकड़ा डराने लगा है।लखनऊ में कुल मरीजों की संख्या 23676 है जो कि प्रदेश के कुल रोगियों की संख्या का 11.66: है। लखनऊ में सक्रिय रोगियों की संख्या 28.5: है।

प्रदेश में तीन दर्जन से भी अधिक जनपद ऐसे हैं, जहां कोविड रोगियों की संख्या 2000 से भी अधिक है वर्तमान में बहुत अधिक संख्या में एसिंप्टोमेटिक कोविड रोगी भी हैं, जो जाने-अनजाने बीमारी का प्रसार कर रहे हैं। य सत्य है कि प्रदेश में कोविड नियंत्रण में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सराहनीय कार्य हुआ है। मुख्यमंत्री कोविड नियंत्रण पर स्वयं निगरानी रख रहे हैं।

प्रदेश में परीक्षण क्षमता काफी बढ़ गई है। रोगियों के सही होने की संख्या भी पहले से बेहतर हो गई है, लेकिन फिर भी रोगियों की संख्या में प्रतिदिन 5000 से अधिक रोगियों की वृद्धि चिंता का विषय है ।ऐसे में 15 दिन का लॉकडाउन प्रभावी किए जाने से कोविड-19 की चेन को ब्रेक किया जा सकता है।

यह बात भी सही है कि लॉकडाउन से प्रदेश की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है, उद्योग धंधों पर इसका प्रभाव पड़ सकता है लेकिन हमारे प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री जी ने जनता की सुरक्षा , संरक्षा तथा उनके जीवन को बहुमूल्य समझकर ही कोविड-19 की सारी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की है। वर्तमान में देश की जनता में कोविड के बढ़ते हुए प्रकोप को लेकर चिंता भी बढ़ रही है। इस समय प्रदेश की अधिकांश जनता लॉकडाउन प्रभावी किए जाने के पक्ष में है।

जेएन तिवारी ने जनता की भावनाओं के अनुरूप प्रदेश में 15 दिन का लॉकडाउन प्रभावी करने पर विचार का अनुरोध मुख्यमंत्री से किया है। उन्होंने यह भी कहा है कि।यदि पूरे प्रदेश में लॉक डाउन संभव ना हो तो कम से कम उन जनपदों में जहां पर मरीजों की संख्या 2000 से ज्यादा है,15 दिन का लॉकडाउन प्रभावी करने पर जरूर विचार किया जाना चाहिए। प्रदेश के उन जनपदों की स्तिथि निम्न प्रकार है ,जहां 5000 से अधिक या उसके आसपास कोविड रोगी हैं।

इसके अलावा झांसी, जौनपुर ,बलिया ,मेरठ, मुरादाबाद, अलीगढ़, देवरिया ,आगरा, आजमगढ़ ,सहारनपुर, बाराबंकी, गाजीपुर अयोध्या, शाहजहांपुर, रामपुर, कुशीनगर, महाराजगंज, गोंडा, हरदोई, बुलंदशहर, सिद्धार्थ नगर, लखीमपुर, पीलीभीत, मथुरा, सुल्तानपुर, बहराइच, संत कबीर नगर, उन्नाव, सीतापुर, चंदौली, इटावा, मुजफ्फरनगर और बस्ती इन 33 जनपदों में 2000 से अधिक या 2000 के आसपास कोविड रोगी हैं।

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