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एकनाथ शिंदे 40 विधायकों के साथ पहुंचे गुवाहाटी, क्या बचेगी CM उद्धव ठाकरे की कुर्सी? आज कैबिनेट बैठक

नई दिल्ली/मुंबई. जहां एक तरफ विधानपरिषद के चुनाव (MLC Election) परिणाम ले बाद से ही जैसे महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति में भूचाल आया हुआ है। वहीँ दूसरी तरफ चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद शिवसेना (Shivsena) के कद्दावर और वरिष्ठ नेता और मंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) पार्टी के कई विधायकों के साथ अब बागी बन चुके हैं। यही नहीं वे अपने 40 विधायकों के साथ गुजरात के सूरत और फिर गुवाहाटी भी पहुंच चुके हैं और अब अपनी ही पार्टी के विरुद्ध सियासी मजबूती का दावा ठोक रहे हैं।

गुवाहाटी का रैडिसन ब्लू बना ठिकाना

वहीं गुवाहाटी हवाई अड्डे पर महाराष्ट्र के विधायकों के आगमन से पहले, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा आज सुबह गुवाहाटी के रैडिसन ब्लू होटल का दौरा किया। बता दें की इस होटल में एकनाथ शिंदे के सभी विधायक ठहरे हुए हैं।

क्या गिरेगी उद्धव सरकार

अब शिंदे का यही दावा, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के लिए परेशानी बन चूका है। इस बीच अब आज महाराष्ट्र कैबिनेट की अहम बैठक होगी। जिसमें अब यह भी तय हो जाएगा कि क्या CM उद्धव की कुर्सी बचेगी या उनकी सरकार गिर जाएगी। हालांकि इस बाबत खुद शिंदे का कहना है कि वो शिवसेना के सच्चे नेता हैं और सत्ता के लिए कभी भी पार्टी को धोखा नहीं देंगे।

अपनी बात पर अड़े शिंदे

गौरतलब है कि कल शिंदे के बागी रुख को देखते हुए CM उद्धव ठाकरे ने उन्हें मानाने के लिए अपने दो विधायक रवि फाटक और मिलिंद नार्वेकर को सूरत भेजा था। जहां नार्वेकर ने शिंदे के साथ लंबी बातचीत की थी। इतना ही नहीं नार्वेकर ने खुद फोन पर CM उद्धव से शिंदे की बातचीत कराई थी। लेकिन कतिपय सूत्रों का कहना था कि करीब 20 मिनट चली इस बातचीत में खुद CM उद्धव ने मुंबई आकर शिंदे को बातचीत करने का प्रस्ताव दिया था। पर, शिंदे यहां BJP से गठबंधन पर अड़े रहे। यह भी कहा गया कि, पहले CM उद्धव अपना रुख स्पष्ट करें और अगर गठबंधन पर राजी हैं तो यह पार्टी टूटेगी नहीं।

समझे आंकड़ों का खेल

गौरतलब है कि, महाराष्ट्र की विधानसभा में कुल 288 सदस्य हैं, ऐसे में अगर देखें तो यहां सरकार बनाने के लिए 145 विधायकों की जरुरत पड़ेगी। वहीं शिवसेना के एक विधायक का निधन हो गया है, जिसके चलते अब 287 विधायक बचे हैं और सरकार के लिए अब 144 विधायक चाहिए। बगावत से पहले शिवेसना की अगुवाई में बने महा विकास अघाड़ी (MVA) के 169 विधायकों का समर्थन हासिल था, जबकि बीजेपी के पास 113 विधायक और विपक्ष में 5 अन्य विधायक हैं। ऐसे में देखा जाए तो एकनाथ शिंदे के 40 विधायक हवा का रुख कहीं भी पलट सकते हैं।

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