अग्नि-5 की जद में होगा पूरा चीन और पाकिस्तान, भारत को अगले महीने मिल जाएगी महामिसाइल
नई दिल्ली: भारत अपनी पहली अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 (अग्नि-V) को टेस्ट करने को पूरी तरह से तैयार है। पांच हजार किलोमीटर रेंज वाले इस मिसाइल का परीक्षण अब अक्टूबर में किए जाने की संभावना है। पहले कहा गया था कि 23 सिंतबर को इसका टेस्ट होगा। यह मिसाइल सभी एशियाई देशों सहित अफ्रीका और यूरोप के कुछ हिस्से को भी भेदने में सक्षम है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि अग्नि-V मिसाइल चीन की राजधानी बीजिंग सहित घनी आबादी वाले क्षेत्र को भी भेदने में सक्षम है।
दरअसल, भारत की अग्नि-5 मिसाइल 5000 किलोमीटर तक हमला करने में सक्षम है। अगर इसका टेस्ट सफल होता है तो भारत को अगले महीने यह महामिसाइल मिल जाएगी। इसके चलते यह चीन, पाकिस्तान और पूरे यूरोप को अपने जद में ले सकती है। भारत अगर इस मिसाइल को दागता है तो वह पूरे एशिया, यूरोप, अफ्रीका के कुछ हिस्सों तक हमला कर सकता है। भारत के इस टेस्ट से चीन आग बबूला हो गया है। ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट मुताबिक, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि दक्षिण एशिया में शांति, सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखना सभी पक्षों के हित में है। चीन को उम्मीद है कि सभी पक्ष इसको लेकर रचनात्मक कदम उठाएंगे।
अग्नि-5 मिसाइल की क्या है खासियतें
-यह मिसाइल 17 मीटर लंबी, 02 मीटर चौड़ी और 50 टन वजनी है।
-यह एक साथ कई लक्ष्यों पर निशाना साधने में भी सक्षम है।
- अग्नि-5 भारत की पहली और एकमात्र अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल है।
- इस रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने बनाया है।
- अग्नि- 5 बैलिस्टिक मिसाइल एक साथ कई हथियार ले जाने में सक्षम है।
- एक साथ कई लक्ष्यों को निशाना बनाने के लिए लांच की जा सकती है।
- यह मिसाइल डेढ़ टन तक न्यूक्लियर हथियार अपने साथ ले जा सकती है।
ध्वनि की गति से 24 गुना ज्यादा रफ्तार
- इसकी रफ्तार मैक 24 है, यानी ध्वनि की गति से 24 गुना ज्यादा
- 8.16 किलोमीटर की दूरी तय करती है एक सेकेंड में
- 29,401 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दुश्मन पर हमला करती है
- मिसाइल में तीन स्टेज के रॉकेट बूस्टर हैं जो सॉलिड फ्यूल से उड़ते हैं
कहीं से भी लांच हो सकती है
- अग्नि-5 के लॉन्चिंग प्रणाली में कैनिस्टर तकनीक का इस्तेमाल हुआ है
- लॉन्च करने के लिए मोबाइल लॉन्चर का उपयोग किया जाता है
- इस वजह से इस मिसाइल को कहीं भी आसानी से ले जाया जा सकता है
- इस्तेमाल बेहद आसान है, इस वजह से देश में कहीं भी तैनाती हो सकती है
दागो और भूल जाओ
- सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल में दागो और भूल जाओ वाली प्रणाली है
- इसका आसानी से पता नहीं लगाया जा सकता क्योंकि यह बैलिस्टिक प्रक्षेपवक्र का अनुसरण करती है
- इसमें रिंग लेजर गाइरोस्कोप इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम, जीपीएस, सैटेलाइट गाइडेंस सिस्टम लगा है
अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल से लैस आठवां देश
फिलहाल दुनिया के मुट्ठीभर देशों के पास ही इंटर अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) हैं। इनमें रूस, अमेरिका, चीन, फ्रांस, इजरायल, ब्रिटेन, चीन और उत्तर कोरिया शामिल हैं। भारत इस ताकत से लैस होने वाला दुनिया का 8वां देश होगा।