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फेसबुक का ऐलान; बंद होगा फेस रिकग्निशन सिस्टम, 1 अरब से ज्यादा लोगों के फेसप्रिंट मिटाएंगे

नई दिल्ली: फेसबुक पर अगर आप फेस रिकग्निशन सिस्टम का इस्तेमाल करते हैं तो अब आप जल्द ही इस सिस्टम का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। फेसबुक ने कहा है कि वह चेहरे पहचानने की प्रणाली को बंद करेगा और एक अरब से भी ज्यादा लोगों के फेसप्रिंट मिटाएगा। फेसबुक की नयी पैरेंट (होल्डिंग) कंपनी ‘मेटा’ में कृत्रिम बुद्धिमत्ता विभाग के उप प्रमुख जेरोम पेसेंटी द्वारा मंगलवार को पोस्ट किए गए ब्लॉग के अनुसार, ”प्रौद्योगिकी के इतिहास में चेहरा पहचानने के उपयोग की दिशा में यह कदम सबसे बड़ा बदलाव होगा।” पोस्ट के अनुसार, ”फेसबुक के सक्रिय उपयोक्ताओं में से एक तिहाई से ज्यादा लोगों ने हमारी चेहरे पहचानने की सेटिंग को स्वीकार किया है और वह पहचान करने में सफल रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप एक अरब से भी ज्यादा लोगों के चेहरे पहचानने के टेम्लेट को मिटाया जाएगा।” कंपनी ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि फेसबुक के रोजाना सक्रिय यूजर्स में से एक तिहाई से अधिक या 600 मिलियन से अधिक एकाउंट ने फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने का विकल्प चुना है।

फेसबुक की नयी पैरेंट (होल्डिंग) कंपनी मेटा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता विभाग के उप प्रमुख जेरोम पेसेंटी द्वारा मंगलवार को पोस्ट किए गए ब्लॉग के अनुसार, ‘प्रौद्योगिकी के इतिहास में चेहरा पहचानने के उपयोग की दिशा में यह कदम सबसे बड़ा बदलाव होगा। हम फेसबुक पर फेस रिकग्निशन सिस्टम को बंद कर रहे हैं। जिन लोगों ने इसका चुनाव किया है उनकी अब फ़ोटो और वीडियो में ऑटोमेटिकली रिकॉग्नाइज नहीं किए जाएंगे और हम एक अरब से अधिक लोगों के व्यक्तिगत फेशियल रिकग्निश टेम्प्लेट को हटा देंगे।’ हालांकि, फेसबुक के इस कदम से ऑटोमेटिक ऑल्ट टेक्स्ट टेक्नोलॉजी प्रभावित होगी, जिसका उपयोग कंपनी नेत्रहीन या नेत्रहीन लोगों के लिए फोटो का पहचानने के लिए करती है।

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