अन्तर्राष्ट्रीय

मुश्किल में फेसबुक, अब पूर्व कर्मचारी ने लगाया यूजर्स की सुरक्षा से ज्यादा मुनाफे को तवज्जो देने का आरोप

फेसबुक के लिए यह काफी बुरा वक्त चल रहा है। दो दिन पहले छह घंटे से अधिक समय के लिए उसके सभी प्रॉडक्ट्स ठप्प रहे, जिससे कंपनी को हजारों करोड़ का नुकसान हुआ और अब व्हिसलब्लोअर ने अमेरिकी सीनेट की उपसमिति के सामने पेश होकर मुश्किलें बढ़ा दी हैं। कंपनी पर आरोप है कि उसने अपने प्लैटफॉर्म्स पर टीनेज सेफ्टी खासकर इंस्टाग्राम पर, फायदे कमाने के लिए विवाद समाधान जैसे मुद्दों की अनदेखी की। कंपनी ने अपने उस इंटरनल सर्वे को भी छिपाया, जिसमें खुलासा हुआ था कि कैसे इंस्टाग्राम का ऐल्गरिदम युवाओं के दिमाग पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है।

व्हिसलब्लोअर फ्रांसिस हाउगन ने कहा कि जब भी लोगों के हितों का सवाल उठा तो फेसबुक ने उससे ज्यादा अपने मुनाफे को तवज्जो दी। फेसबुक के पूर्व कर्मचारी हाउगन ने कंपनी की शिकायत यूएस सिक्योरिटीज ऐंड एक्सचेंज कमिशन के समक्ष भी की है, जिनमें भारत से जुड़ी शिकायतें भी शामिल हैं। हाउगन ने अपनी शिकायत के साथ कुछ दस्तावेज भी सौंपे हैं, जिनमें से एक में यह बताया गया है कि कैसे फेसबुक ने आरएसएस की ओर से संचालित या उससे जुड़े अकाउंट्स को प्रमोट किया था। यही नहीं हेट स्पीच वाली पोस्ट्स पर भी फेसबुक पर ऐक्शन न लेने का आरोप लगा है। हाउगन ने कहा कि कंपनी ने ऐसी महज 0.2 फीसदी पोस्ट्स पर ही ऐक्शन लिया था।

इसके अलावा फेसबुक के पास लैंग्वेज क्लासीफायर्स की भी कमी है। इसके चलते कंपनी हिंदी और बंगाली जैसी भाषाओं में आए कॉन्टेंट की जांच में सक्षम नहीं है। शिकायत में कहा गया है कि फेसबुक के पास हिंदी और बंगाली समझने वाले क्लासीफायर्स की कमी थी। इसके चलते उसने इन भाषाओं में पोस्ट की जाने वाली हेटस्पीच पर कोई ऐक्शन नहीं लिया। बता दें कि भारत में फेसबुक के 34 करोड़ से ज्यादा यूजर हैं। यह दुनिया भर में उसके कुल सक्रिय 2.89 बिलियन यूजर्स में से बड़ी संख्या है। क्लासीफायर्स एक ऑटोमेटेड सिस्टम और ऐल्गरिदम है, जिसे फेसबुक पर पोस्ट की गई हेट स्पीच को डिटेक्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है। फेसबुक ने 2019 में दावा किया था कि उसके पास 4 भारतीय भाषाओं बंगाली, हिंदी, उर्दू और तमिल में क्लासीफायर्स हैं, लेकिन इस खुलासे से पता चलता है कि बंगाली में उसके पास इसकी कमी थी।

इस बीच हाउगन की ओर से लगाए गए सभी आरोपों को मार्क जकरबर्ग ने गलत और आधारहीन करार दिया है। जकरबर्ग ने हाउगन के आरोपों पर कहा कि यदि हम रिसर्च को इग्नोर करने वाली कंपनी होते तो फिर इंडस्ट्री लीडिंग रिसर्च प्रोग्राम क्यों शुरू करते। जकरबर्ग ने कहा, ‘हाउगन ने अपने आरोपों में कहा है कि हमने सुरक्षा और लोगों के हितों से ज्यादा मुनाफे पर फोकस किया है। यह पूरी तरह से गलत है।’ जकरबर्ग ने कहा कि हम विज्ञापनों से कमाई करते हैं। इसलिए हम ऐड मेकर्स से भी बता देते हैं कि ऐसे विज्ञापन न दिए जाएं, जो लोगों के लिए नुकसान दायक हों या फिर उन्हें नाराज करते हों।

Related Articles

Back to top button