सरकारी बैंकों के फंसे कर्ज में गिरावट, मुनाफा भी 65 फीसदी बढ़कर 29175 करोड़ रुपये पर पहुंचा
नई दिल्ली : सरकारी बैंकों के एनपीए में दिसंबर तिमाही में गिरावट दर्ज की गई। एसबीआई और बैंक ऑफ महाराष्ट्र का एनपीए सबसे कम रहा है। इस दौरान सरकारी बैंकों का मुनाफा 65 फीसदी बढ़कर 29,175 करोड़ रुपये पहुंच गया। बैंक ऑफ महाराष्ट्र 139 फीसदी की बढ़त के साथ शीर्ष पर रहा।
आंकड़ों के मुताबिक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र का सकल एनपीए 2.94 फीसदी जबकि एसबीआई का 3.14 फीसदी रहा है। शुद्ध एनपीए 0.47 और 0.77 फीसदी रहा है। जमा वृद्धि में बैंक ऑफ बड़ौदा 14.50 फीसदी के साथ शीर्ष पर है। यूनियन बैंक के जमा में 13.48 फीसदी की बढ़त रही है।
सरकारी बैंकों में में कर्ज वृद्धि के मामले में बैंक ऑफ महाराष्ट्र पिछली 10 तिमाहियों से लगातार पहले स्थान पर बना हुआ है। आंकड़े बताते हैं कि दिसंबर तिमाही में इसके कर्ज में 21.67 फीसदी बढ़त रही है। 19.80 फीसदी के साथ यूनियन बैंक दूसरे स्थान पर है। तीसरे स्थान पर काबिज एसबीआई के कर्ज में 16.91% बढ़त रही है।
दिसंबर तिमाही में बैंकों की शुद्ध ब्याज आय 25.5 फीसदी बढ़कर 1.78 लाख करोड़ रुपये हो गई है। रिजर्व बैंक ने मई, 2022 से छह बार दरें बढ़ाई है। इस वजह से बैंकों ने भी जमा और कर्ज की ब्याज दरों में इजाफा किया। इससे इनकी ब्याज की मार्जिन में भी बढ़त आई। बैंकों के कर्ज में दिसंबर तिमाही में 18.5 फीसदी की वृद्धि हुई थी।
म्यूचुअल फंड हाउसों ने 2022 में नए फंड ऑफर (NFO) से कुल 62,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। 2021 में जुटाई गई 99,704 करोड़ रुपये की तुलना में यह 38 फीसदी कम है। हालांकि, पिछले साल कुल 228 एनएफओ लॉन्च किए गए जबकि 2021 में 140 एनएफओ ही लॉन्च किए गए थे।
आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल फंड प्रबंधकों ने पैसिव और फिक्स्ड इनकम उत्पादों पर फोकस किया था। इस दौरान 2021 की तुलना में दोगुना फिक्स्ड इनकम उत्पाद लॉन्च किए गए थे। कुल 179 ओपन एंडेड फंड और 49 क्लोज एंडड फंड पेश किए गए। इसके पहले 2020 में कुल 81 नई योजनाएं लॉन्च की गई थीं। इन्होंने 53,703 करोड़ रुपये जुटाए थे।
विश्लेषकों का कहना है कि 2022 में निवेशकों को 9 फीसदी से कम फायदा मिला है। महंगाई और ब्याज दरों में वृद्धि, भू-राजनीतिक तनाव और अन्य वजहों से निवेशकों ने सतर्कता भरा रुख अपनाया। आंकड़ों के अनुसार, 2022 में सर्वाधिक 84 एनएफओ इंडेक्स फंड सेगमेंट में पेश हुए।