नई दिल्ली : केंद्र के साथ किसान नेताओं की चार दौर की वार्ता विफल रहने के बाद किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी है। अपनी मांगों को लेकर सैकड़ों किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। मंगलवार को दिल्ली चलो के आह्वान के जवाब में पंजाब-हरियाणा सीमा पर शंभू और खनौरी में डेरा डाले हुए हैं। इस बीच, प्रदर्शनकारी किसान पंजाब-हरियाणा सीमा पर शंभू में हाइड्रोलिक क्रेन, जेसीबी और अर्थ मूवर्स सहित भारी मशीनों पर विरोध प्रदर्शन के दौरान किसान झंडे लिए हुए और नारे लगाते नजर आए।
मंगलवार को गुरुग्राम के मानेसर इलाके से सैकड़ों किसानों को हिरासत में लिया गया, जब उन्होंने चल रहे ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन के साथ एकजुटता दिखाने के लिए दिल्ली तक मार्च करने की कोशिश की। दक्षिण हरियाणा किसान खाप, एसकेएम और अन्य ने रविवार को घोषणा की थी कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास की ओर शांतिपूर्ण मार्च निकालेंगे और अगर पुलिस उन्हें रास्ते में रोकती है, तो वे वहीं बैठेंगे और शांतिपूर्वक धरना देंगे। उन्होंने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी और अवैध भूमि अधिग्रहण की प्रदर्शनकारी किसानों की प्रमुख मांग का समर्थन करने की घोषणा की थी।
उधर, पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस जीएस संधावालिया और न्यायमूर्ति लपीता बनर्जी की पीठ ने इतनी बड़ी संख्या में किसानों को एकत्र होने की अनुमति देने के लिए पंजाब सरकार से सवाल किया। साथ ही शंभू सीमा पर सैकड़ों ट्रैक्टरों के साथ डेरा डाले हुए प्रदर्शनकारी किसानों को फटकार लगाई। कहा कि ट्रैक्टर ट्रॉलियों का उपयोग राजमार्गों पर नहीं किया जा सकता है।
कोर्ट अमरावती एन्क्लेव, पंचकुला निवासी वकील उदय प्रताप सिंह द्वारा दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कहा गया था कि सड़क नाकाबंदी से न केवल निवासियों को असुविधा हो रही है, बल्कि एम्बुलेंस, स्कूल बसों की आवाजाही में भी बाधा आ रही है।