किसान विधानसभा पर मवेशियों के साथ समस्या का समाधान करने को होंगे बाध्य
लखनऊ: आज किसान भवन नौबस्ता कला लखनऊ पर बैठक की गई जिसमे जिला प्रशासन व पुलिस अधिकारी जैसे जिला अधिकारी ,कमिश्नर, उपजिलाधिकारी,पुलिस के थाने से लेकर कप्तान तक के लोग आम जनता का फोन नहीं उठाते है।
किसान सरकार से मांग करता है की इस भ्रस्ट अधिकारिओ के सरकारी फोन के लिए जो जनता का पैसा खर्च किया जा रहा है उसको तत्काल सरकार बंद करे और इस अधिकारिओ को अपने निजी पैसे से फोन रखने को कहा जाये, साथ ही ये बताया जाये की ये अधिकारी कब और किस समय जनता का फोन उठाएंगे।
इस समस्या का समाधान सरकार 10 सितम्बर से पहले ही कर दे अन्यथा किसान विधान सभा पर अपने मवेशिओं के साथ इस समस्या का समाधान करने हेतु बाध्य होंगे। जिसमे यूरिया की कालाबाजारी, गन्ना भुगतान न होने, आवारा पशुओ से नुकसान, मोटर साइकिल पर मास्क न लगाने वालो से की जा रही अवैध वसूली ,थाने से लेकर कमिश्नर तक के ऑफिस में बिना पैसे के नहीं होते है किसी भी वयक्ति के काम।
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अदालत के नाम पर नायब तहसील दार तहसीलदार, उपजिलाधिकारी, जिला अधिकारी और मंडलायुक्त उन्ही मुकदमो को सुनते है जिसमे पीडि़त पैसे दे देता है अन्यथा किसी भी परेशान वयक्ति का काम नहीं हो रहा है।
ब्लॉकों में व्याप्त भ्रस्टाचार, सहकारी विभाग ,उद्द्यान विभाग ,कृषि विभाग जो गरीब जनता से सम्बंधित है। सूडा ,डूडा ब्लॉकों द्वारा ग्रामीणों को मिलने वाली सुविधाओं में बिना पैसे के किसी भी वयक्ति के काम नहीं हो रहे है।
साधन सहकारी समिति से लेकर ग्रामीण बैंक और जितने भी बैंक है किसी भी वयक्तिध्किसान का काम बैंको में जैसे कृषि ऋण लेना पशु ऋण लेना। किसान सम्मान निधि में जिस तरीके का भ्रषटाचार हो रहा है इन तमाम बातो को लेकर हम लोक भवन के गेट पर बैठ कर यह सवाल पूछने आएगा किसान कि आखिर प्रदेश के ईमानदार मुख्यमंत्री के सहयोगी अधिकारी अगर भ्रस्ट नहीं है तो क्यो नहीं हो रहे जनता के काम।
किसान केंद्र सरकार द्वारा लाये जा रहे तीनो अध्यादेशका विरोध व प्रदेश में धान की खरीददारी के कितने क्रय केंद्र खोले जायेगे और कहा कहा खोले जायेगे इसकी रिपोर्ट भी बताये सरकार।