उत्तर प्रदेशराज्य

मोदी सरकार पर फारूक अब्दुल्ला ने लगाया वादाखिलाफी का आरोप, कहा- लोग अब और पीड़ित नहीं हो सकते

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने बुधवार (08 दिसंबर) को कहा कि हमसे केंद्र सरकार ने वादा किया था कि जैसे ही डिलिमिटेशन हो जाएगा, उसके बाद चुनाव कराया जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। फारूक अब्दुल्ला ने निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन में कथित रूप से देरी करने के लिए केंद्र की खिंचाई करते हुए कहा कि लोग अब और पीड़ित नहीं हो सकते। फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “हमें वादा किया गया था कि परिसीमन होगा और उसके बाद चुनाव होंगे। केंद्र ने 6 मार्च की समय सीमा दी थी जिसे बढ़ाया नहीं जाएगा। लेकिन आज तक, हमें नहीं बुलाया गया है। ना ही हमें कोई रिपोर्ट दिखाया गया है।”

फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ”हमें नहीं पता कि क्या हो रहा है। लेकिन जम्मू-कश्मीर के लोग अब और पीड़ित नहीं हो सकते हैं। उपराज्यपाल का शासन किसी तानाशाही से कम नहीं है। जनता का शासन आना चाहिए क्योंकि केवल यह उनके मुद्दों को हल कर सकता है।” फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र सरकार की कथनी और करनी में बहुत फर्क है। फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा, ”वे (भाजपा) बहुत झूठ बोलते हैं। केंद्र शासित प्रदेश में पर्यटन को लेकर बहुत प्रचार किया गया है लेकिन जमीन स्तर पर कुछ नहीं किया जा रहा है। लोग मर रहे हैं लेकिन कहते रहते हैं कि शांति है। अगर यह मेरा शासन होता, वे पत्रकारों से मेरे खिलाफ लिखने को कहते, लेकिन अब जो हो रहा है उसके बारे में लिखने की हिम्मत भी नहीं करते।”

फारूक अब्दुल्ला ने केंद्र शासित प्रदेश में प्रेस की स्वतंत्रता पर कथित रूप से अंकुश लगाने के लिए भाजपा पर हमला किया और जोर देकर कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है, तो उनकी पार्टी मीडिया की स्वतंत्रता पर अंकुश नहीं लगाएगी। फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “वे (प्रेस) लिख सकते हैं जो भी वो चाहे। यह वे हैं जो हमें सही करते हैं और हमें हमारी नींद से जगाते हैं। मीडिया के अभी चुप रहने का कारण यह है कि इसे चलाने वाले गरीब हैं, सरकारी विज्ञापनों पर टिके हुए हैं। अगर विज्ञापन बंद हो जाएंगे तो अखबार भी बंद हो जाएगा।”

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