वित्त मंत्रालय ने लगाया सभी अटकलों पर विराम, कहा-कैपिटल गेन्स टैक्स में सुधार पर अभी कोई प्रस्ताव नहीं
नई दिल्ली: केंद्र सरकार की पूंजीगत लाभ कर ढांचे में सुधार करने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। अगले बजट के बारे में बात करना काफी समयपूर्व है। जबकि चालू वर्ष का वित्त विधेयक अभी भी चर्चा में है और अभी तक पारित नहीं हुआ है। यह कहना है वित्त मंत्रालय का। मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने मीडिया में चल रही उन खबरों को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि, सरकार अपनी कमाई बढ़ाने और कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च बढ़ाने के लिए कैपिटल गेन्स टैक्स ढांचे में सुधार करना चाहती है।
इस बारे में वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि फिलहाल ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है और मीडिया रिपोर्ट की अटकलें गलत हैं। देश में लिस्टेड इक्विटी पर एक साल से अधिक समय के लिए एक लाख रुपये की सीमा से ऊपर के लाभ पर 10 फीसदी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स का भुगतान करना होता है। एक साल से कम समय के लिए रखे गए शेयरों पर 15 फीसदी के हिसाब से शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स का भुगतान करना होता है।
दरअसल कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा था कि कैपिटल गेन टैक्स में बदलाव की तैयारी चल रही है। यह रिपोर्ट पूरी तरह आधार विहीन है। रिपोर्ट में कहा गया था कि शेयर बाजार से कमाई पैसिव इनकम की तरह है। ऐसे में शेयर बाजार की कमाई पर लगने वाला टैक्स रेट बिजनेस इनकम पर लगने वाले टैक्स के मुकाबले कम नहीं होना चाहिए। बिजनेस इनकम में कई रिस्क जुड़े होते हैं, साथ में यह रोजगार का अवसर भी देता है।