सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए पांच सीटें रिजर्व
भोपाल : राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश चिकित्सा शिक्षा प्रवेश नियमों में संशोधन कर दिया है। अब प्रदेश के सरकारी विद्यालयों से नौवी से बारहवी तक परीक्षा नियमित विद्यार्थी के रुप में उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों के लिए अब सभी शासकीय और निजी महाविद्यालयों में एमबीबीएस, बीडीएस डिप्लोमा और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए पांच सीटे आरक्षित रहेंगी।
तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार विभाग ने इसके लिए नियमों में संशोधन कर दिया है। ऐसे विद्यार्थी जिन्होंने शासकीय विद्यालयश् में कक्षा छटवी से बारहवी तक नियमित अध्ययन कर परीक्षा उत्तीर्ण की है अथवा शिक्षा का अधिकार अधिनियम के माध्यम से प्रवेश के आधार पर कक्षा एक से आठवी तक निजी विद्यालयों में अध्ययन करने के बाद शासकीय विद्यालय में कक्षा नौवी से बारहवी तक नियमित अध्ययन कर परीक्षा उत्तीर्ण की हो उन्हें एमबीबीएस और बीडीएस डिप्लोमा, स्नातकोत्तर पाठयक्रम में पांच स्थानों पर प्रवेश दिया जाएगा।
महिला अभ्यर्थियों के लिए सभी महाविद्यालयों में तीस सीटे आरक्षित रहेगी। दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए सभी महाविद्यालयों में पांच सीटे आरक्षित रहेंगी। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अभ्यर्थी के लिए एमबीबीएस और बीडीएस में केवल सरकारी महाविद्यालयों में तीन सीटे रहेंगी। सैनिक श्रेणी के अभ्यर्थी के लिए एमबीबीएस और बीडीएस में केवल सरकारी महाविद्यालय में तीन सीटें रहेंगी। शासकीय विद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए एमबीबीएस और बीडीएस पाठयक्रमों में सभी शासकीय और निजी महाविद्यालयों में पांच सीटें आरक्षित रहेगी।
इसके लिए शासकीय विद्यालय के विद्यार्थी श्रेणी का लाभ लेने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी, जिला संयोजक और सहायक आयुक्त द्वारा जारी किया गया प्रमाणपत्र जिसमें यह उल्लेख होगा कि अभ्यर्थी नये प्रवेश नियम दो ब की अपेक्षा पूरी करता है प्रस्तुत करना होगा।