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उप्र : घोटालों में फंसे अफसरों पर सीबीआई कसेगी शिकंजा

cbiलखनऊ। उत्तर प्रदेश में चाहे आयुर्वेद घोटाला हो या फिर एनआरएचएम घोटाला। बड़े अफसरों के गोलमाल के साक्ष्य मिलने के बाद भी उन पर एफआईआर दर्ज करने की अनुमति का इंतजार सीबीआई वर्षों से कर रही है। लेकिन अब सर्वोच्च न्यायालय का अहम फैसला आने के बाद ऐसे अफसरों पर सीबीआई शिकंजा आसानी से कस सकेगी। सूबे के करीब दस से ज्यादा ऐसे मामले हैं  जिनमें वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अनुमति लटकी हुई है। अब ऐसे अफसरों की मुश्किलों में इजाफा होना तय है। न्यायालय का फैसला आने के बाद सीबीआई ने पुरानी फाइलों को एक बार फिर पलटना शुरू कर दिया है।उप्र में हुए तमाम घोटालों में जिन बड़े अफसरों के नाम सामने आए हैं और सीबीआई ने उनके खिलाफ साक्ष्य भी जुटाये थे  उन्हें एक बार फिर करीने से व्यवस्थित किया जा रहा है। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक रेलवे  खाद्यान्न  एनआरएचएम आदि कई घोटालों में वरिष्ठ आईएएस अफसरों के नाम सामने आने पर केन्द्रीय कार्मिक मंत्रालय से उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अनुमति मांगी गयी लेकिन एकाध को छोड़कर सीबीआई को निराशा का ही सामना करना पड़ा। सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद अब सीबीआई उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर पूछताछ करने को आजाद है। जल्द ही इसका क्रियान्वयन भी शुरू कर दिया जाएगा। राजधानी स्थित सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने ऐसे घोटालों से जुड़े तमाम दस्तावेजों को खंगालना शुरू कर दिया है ताकि एक बार फिर घोटाले की जद में आए अफसरों पर कानून का शिकंजा कसा जा सके। 

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