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निर्भया सामूहिक दुष्कर्म के चारों दोषियों को फांसी दी गई


नयी दिल्ली। देश को झकझोर देने वाले निर्भया सामूहिक दुष्कर्म एवं हत्या मामले के चारों दोषियों विनय शर्मा (26), मुकेश सिंह(32), अक्षय ठाकुर (31) और पवन गुप्ता (25) को शुक्रवार तड़के पांच बजकर 30 मिनट पर यहां तिहाड़ जेल में फांसी दी गई।

तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने बताया कि चारों दोषियों को ठीक 5:30 बजे फांसी पर लटकाया गया और करीब 6 बजे यानी आधे घंटे बाद चारों को डॉक्टरों द्वारा मृत घोषित कर दिया गया। जेल प्रशासन सूत्रों के अनुसार चारों दोषियों को एक साथ फांसी पर लटकाया गया और इसके लिए जेल नंबर-3 की फांसी कोठी में दो तख्तों पर चारों को लटकाने के लिए चार हैंगर बनाए गए थे। इनमें से एक का लीवर मेरठ से आए जल्लाद पवन ने खींचा तथा दूसरे लीवर को जेल स्टाफ ने खींचा।

शुक्रवार तड़के चारों को इनके सेल से जगाया गया हालांकि, चारों में से कोई भी सोया नहीं था। इसके बाद सुबह की जरूरी प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद इनसे नहाने को कहा गया। इसके बाद इनके लिए चाय मंगाई गई लेकिन किसी ने चाय नहीं पी। इसके बाद उनसे आखिरी इच्छा पूछी गई और फिर सेल से बाहर लाने से पहले चारों को काला कुर्ता-पजामा पहनाया गया तथा हाथ पीछे की ओर बांध भी दिए गए थे।

फांसी के बाद निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि आज वह बहुत खुशी महसूस कर रही हैं क्योंकि उनकी बेटी को आखिरकार इंसाफ मिल गया। उन्होंने कहा कि निर्भया की मां होने के नाते आज वह गर्व महसूस कर रही है। सात साल पहले जो घटना हुई उससे लोग और देश शर्मसार हुआ था लेकिन आज न्याय मिला है।

निर्भया के पिता ने कहा कि देर से ही सही उनको न्याय मिला। उन्होंने कहा कि उन्होंने एक पिता होने का कर्त्तव्य निभाया है। इंसाफ के लिए दर दर की ठोकरें खाई है लेकिन आखिरकार इंसाफ मिला।

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने ट्वीट कर कहा कि आज एक उदाहरण पेश किया गया लेकिन यह बहुत पहले हो जाना चाहिए था। उन्होंने कहा, “अब लोगों को पता चलेगा कि आप तारीख आगे बढ़ा सकते है लेकिन सजा मिलेगी।”

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि 7 साल के लंबे इंतजार के बाद आज न्याय की जीत हुई। उन्होंन कहा, “निर्भया की मां ने न्याय के लिए दर-दर की ठोकर खाईं। सारा देश सड़कों पर उतरा, अनशन किया, लाठी खाई। ये सारे देश की जीत है और अब हमें देश में एक कठोर सिस्टम बनाना है। विश्वास है बदलाव आएगा, जरूर आएगा। सत्यमेव जयते।”

चारों दोषियों के शव को दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए आठ बजे भेजा जाएगा और उसके बाद सभी प्रक्रिया पूरी होने के बाद शव को परिजनों को सौंपा जाएगा। हालांकि यह अभी साफ नहीं है कि परिजन शव लेने आएंगे या नहीं। अगर परिजन शव नहीं लेंगे तो दिल्ली पुलिस की ओर ओर से अंतिम संस्कार किया जायेगा।

फांसी की खबर मिलते ही जेल के बाहर मौजूद लोगों ने तालियां बजाते और भारत माता की जय के नारे लगाते हुये तथा मिठाइयां बांटकर खुशी का इजहार किया। सुरक्षा के मद्देनजर जेल के बाहर इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया था। तिहाड़ जेल में पहली बार चार लोगों को एक साथ फांसी दी गई। यह देश की सबसे बड़ी जेल है जहां 16 हजार से अधिक कैदियों के रहने की जगह है।

उल्लेखनीय है कि पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के दोषियों की ओर से फांसी टलवाने के लिए दायर याचिका गुरुवार को खारिज कर दी थी। जिसके बाद दोषियों के वकील ने फांसी की सजा पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की जिसे शीर्ष अदालत ने भी खारिज कर दिया और उसके बाद तय समय पर फांसी दे दी गई।

गौरतलब है कि साल 2012 में दक्षिणी दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में चलती बस में 23 वर्षीय पैरा-मेडिकल छात्रा के साथ 6 लोगों ने सारी हदें पार करते हुए उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया था। निर्भया को इलाज के लिए देश से बाहर सिंगापुर भी ले जाया गया था लेकिन वह नहीं बच पाई थी।

इस झकझोर देने वाली घटना के बाद पूरा देश सड़कों पर उतर आया था। इन छह दोषियों में से एक नाबालिग था जिसे तीन साल की सजा के बाद बाल सुधार गृह से 2015 में रिहा कर दिया गया तथा एक आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में खुदकुशी कर ली थी।
आजाद,जतिन

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